बाइबल की नये नियम की पुस्तक में ‘मन’ शब्द कितनी बार और कहाँ-कहाँ आया है? (How many times and where does the word ‘mind’ appear in the New Testament book of the Bible?) 4 सुसमाचारों में 96 पद। भाग-1

बाइबल की नये नियम की पुस्तक में ‘मन’ शब्द कितनी बार और कहाँ-कहाँ आया है? (How many times and where does the word ‘mind’ appear in the New Testament book of the Bible?) 4 सुसमाचारों में 96 पद। भाग-1

बाइबल में “मन” शब्द कहाँ-कहाँ आया है? वास्तव में बाइबल को ऊपरी तौर से नहीं समझ सकते, आपको मन की गहराई से ही इसे समझना होगा। यीशु मसीह और उनके चेलों की शिक्षा मनुष्य जाति को पाप से विमुख करके मन परिवर्तित करने की ही है। तो अगर आपने पापों की क्षमा पाकर नये जीवन को प्राप्त कर लिया है, तो आपको बाइबल की भाषा, वाणी, शब्द निश्चय ही समझ आएंगे, और अगर आप नहीं जानते कि ‘पाप क्या है’?, पापों की क्षमा और नया जीवन क्या है?

तो आप बाइबल की नये नियम की पुस्तक में ‘मन’ शब्द कितनी बार और कहाँ-कहाँ आया है? (How many times and where does the word ‘mind’ appear in the New Testament book of the Bible?) 4 सुसमाचारों में 96 पद। भाग-1, इस लेख को अवश्य पढ़िये।

Optimal Health - Untitled design 3 - Optimal Health - Health Is True Wealth.

मत्ती 3:2, 8, 9, 11, 5:3, 8,

  • मन फिराओ; क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है। मत्ती 3:2
  • सो मन फिराव के योग्य फल लाओ। मत्ती 3:8
  • और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। मत्ती 3:9
  • मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। मत्ती 3:11
  • उस समय से यीशु प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है।मत्ती 4:17
  • धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:3
  • धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। मत्ती 5:8

मत्ती 5:23, 28, 6:21, 9:4, 21, 11:20-21

  • इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे। मत्ती 5:23
  • परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका। मत्ती 5:28
  • क्योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा। मत्ती 6:21
  • यीशु ने उन के मन की बातें मालूम करके कहा, कि तुम लोग अपने अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो? मत्ती 9:4
  • क्योंकि वह अपने मन में कहती थी कि यदि मैं उसके वस्त्र ही को छू लूंगी तो चंगी हो जाऊंगी। मत्ती 9:21
  • तब वह उन नगरों को उलाहना देने लगा, जिन में उस ने बहुतेरे सामर्थ के काम किए थे; क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था। मत्ती 11:20
  • हाय, खुराजीन; हाय, बैतसैदा; जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते। मत्ती 11:21

मत्ती 11:29, 12:18, 25,

  • मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। मत्ती 11:29
  • कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है; मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा। मत्ती 12:18
  • उस ने उन के मन की बात जानकर उन से कहा; जिस किसी राज्य में फूट होती है, वह उजड़ जाता है, और कोई नगर या घराना जिस में फूट होती है, बना न रहेगा। मत्ती 12:25

बाइबल की नये नियम की पुस्तक में ‘मन’ शब्द कितनी बार और कहाँ-कहाँ आया है? (How many times and where does the word ‘mind’ appear in the New Testament book of the Bible?)

मत्ती 12:34-35, 41, 13:15,

  • हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।मत्ती 12:34
  • भला, मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है। मत्ती 12:35
  • नीनवे के लोग न्याय के दिन इस युग के लोगों के साथ उठकर उन्हें दोषी ठहराएंगे, क्योंकि उन्होंने यूनुस का प्रचार सुनकर, मन फिराया और देखो, यहां वह है जो यूनुस से भी बड़ा है।मत्ती 12:41
  • क्योंकि इन लोगों का मन मोटा हो गया है, और वे कानों से ऊंचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आंखें मूंद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएं, और मैं उन्हें चंगा करूं। मत्ती 13:15

मत्ती 13:19, 15:8, 18-19, 16:23, 18:19,

  • जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था। मत्ती 13:19
  • कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है। मत्ती 15:8
  • पर जो कुछ मुंह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। मत्ती 15:18
  • क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है। मत्ती 15:19
  • उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है। मत्ती 16:23
  • फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी। मत्ती 18:19

मत्ती 18: 35, 19:8, 22:37,

  • इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है, तुम से भी वैसा ही करेगा॥ मत्ती 18:35
  • उस ने उन से कहा, मूसा ने तुम्हारे मन की कठोरता के कारण तुम्हें अपनी अपनी पत्नी को छोड़ देने की आज्ञा दी, परन्तु आरम्भ में ऐसा नहीं था। मत्ती 19:8
  • उस ने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। मत्ती 22:37
Optimal Health - Untitled design 7 - Optimal Health - Health Is True Wealth.

मरकुस 1:4, 15, 2:6, 8, 3:5,

  • यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था। मरकुस 1:4
  • और कहा, समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो॥मरकुस 1:15
  • तब कई एक शास्त्री जो वहां बैठे थे, अपने अपने मन में विचार करने लगे। मरकुस 2:6
  • यीशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जान लिया, कि वे अपने अपने मन में ऐसा विचार कर रहे हैं, और उन से कहा, तुम अपने अपने मन में यह विचार क्यों कर रहे हो? मरकुस 2:8
  • और उस ने उन के मन की कठोरता से उदास होकर, उन को क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा उस ने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया। मरकुस 3:5

मरकुस 6:12, 52, 7:6, 19, 21, 8:18, 33,

  • और उन्होंने जाकर प्रचार किया, कि मन फिराओ। मरकुस 6:12
  • क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में ने समझे थे परन्तु उन के मन कठोर हो गए थे॥ मरकुस 6:52
  • उस ने उन से कहा; कि यशायाह ने तुम कपटियों के विषय में बहुत ठीक भविष्यद्ववाणी की; जैसा लिखा है; कि ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उन का मन मुझ से दूर रहता है। मरकुस 7:6
  • क्योंकि वह उसके मन में नहीं, परन्तु पेट में जाती है, और संडास में निकल जाती है यह कहकर उस ने सब भोजन वस्तुओं को शुद्ध ठहराया। मरकुस 7:19
  • क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार। मरकुस 7:21
  • क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? क्या आंखे रखते हुए भी नहीं देखते, और कान रखते हुए भी नहीं सुनते? और तुम्हें स्मरण नहीं। मरकुस 8:18
  • परन्तु उस ने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है। मरकुस 8:33

मरकुस 10:5, 11:23, 25, 12:30, 33,

  • यीशु ने उन से कहा, कि तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उस ने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। मरकुस 10:5
  • मैं तुम से सच कहता हूं कि जो कोई इस पहाड़ से कहे; कि तू उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़, और अपने मन में सन्देह न करे, वरन प्रतीति करे, कि जो कहता हूं वह हो जाएगा, तो उसके लिये वही होगा। मरकुस 11:23
  • और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो, तो यदि तुम्हारे मन में किसी की ओर से कुछ विरोध, हो तो क्षमा करो: इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे॥ मरकुस 11:25
  • और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। मरकुस 12:30
  • और उस से सारे मन और सारी बुद्धि और सारे प्राण और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना और पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना, सारे होमों और बलिदानों से बढ़कर है। मरकुस 12:33

मरकुस 14:4, 34, 16:14,

  • परन्तु कोई कोई अपने मन में रिसयाकर कहने लगे, इस इत्र को क्यों सत्यनाश किया गया? मरकुस 14:4
  • और उन से कहा; मेरा मन बहुत उदास है, यहां तक कि मैं मरने पर हूं: तुम यहां ठहरो, और जागते रहो।मरकुस 14:34
  • पीछे वह उन ग्यारहों को भी, जब वे भोजन करने बैठे थे दिखाई दिया, और उन के अविश्वास और मन की कठोरता पर उलाहना दिया, क्योंकि जिन्हों ने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था, इन्होंने उन की प्रतीति न की थी। मरकुस 16:14
Optimal Health - Untitled design - Optimal Health - Health Is True Wealth.

लूका 1:17, 66, 2:19, 51, 3:3, 8,

  • वह एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ में हो कर उसके आगे आगे चलेगा, कि पितरों का मन लड़के बालों की ओर फेर दे; और आज्ञा न मानने वालों को धमिर्यों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे। लूका 1:17
  • और सब सुनने वालों ने अपने अपने मन में विचार करके कहा, यह बालक कैसा होगा क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था॥ लूका 1:66
  • परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। लूका 2:19
  • तब वह उन के साथ गया, और नासरत में आया, और उन के वश में रहा; और उस की माता ने ये सब बातें अपने मन में रखीं॥लूका 2:51
  • और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा।लूका 3:3
  • सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। लूका 3:8

लूका 3:15, 5:22, 32, 6:45,

  • जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्या यही मसीह तो नहीं है। लूका 3:15
  • यीशु ने उन के मन की बातें जानकर, उन से कहा कि तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो? लूका 5:22
  • मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं। लूका 5:32
  • भला मनुष्य अपने मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य अपने मन के बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है; क्योंकि जो मन में भरा है वही उसके मुंह पर आता है॥ लूका 6:45

लूका 7:39, 49, 8:12

  • यह देखकर, वह फरीसी जिस ने उसे बुलाया था, अपने मन में सोचने लगा, यदि यह भविष्यद्वक्ता होता तो जान लेता, कि यह जो उसे छू रही है, वह कौन और कैसी स्त्री है? क्योंकि वह तो पापिनी है। लूका 7:39
  • तब जो लोग उसके साथ भोजन करने बैठे थे, वे अपने अपने मन में सोचने लगे, यह कौन है जो पापों को भी क्षमा करता है? लूका 7:49
  • मार्ग के किनरे के वे हैं, जिन्हों ने सुना; तब शैतान आकर उन के मन में से वचन उठा ले जाता है, कि कहीं ऐसा न हो कि वे विश्वास करके उद्धार पाएं। लूका 8:12

लूका 8:15, 9:47, 10:13, 27,

  • पर अच्छी भूमि में के वे हैं, जो वचन सुनकर भले और उत्तम मन में सम्भाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं॥ लूका 8:15
  • पर यीशु ने उन के मन का विचार जान लिया : और एक बालक को लेकर अपने पास खड़ा किया। लूका 9:47
  • हाय खुराजीन ! हाय बैतसैदा ! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर और राख में बैठकर वे कब के मन फिराते। लूका 10:13
  • उस ने उत्तर दिया, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। लूका 10:27

लूका 11:17, 32, 12:17

  • परन्तु उस ने, उन के मन की बातें जानकर, उन से कहा; जिस जिस राज्य में फूट होती है, वह राज्य उजड़ जाता है: और जिस घर में फूट होती है, वह नाश हो जाता है। लूका 11:17
  • नीनवे के लोग न्याय के दिन इस समय के लोगों के साथ खड़े होकर, उन्हें दोषी ठहराएंगे; क्योंकि उन्होंने यूनुस का प्रचार सुनकर मन फिराया और देखो, यहां वह है, जो यूनुस से भी बड़ा है॥ लूका 11:32
  • तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। लूका 12:17

लूका 12:34, 13:3, 5, 15:7, 10,

  • क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा॥ लूका 12:34
  • मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी इसी रीति से नाश होगे। लूका 13:3
  • मैं तुम से कहता हूं, कि नहीं; परन्तु यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम भी सब इसी रीति से नाश होगे। लूका 13:5
  • मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धमिर्यों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं॥ लूका 15:7
  • मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में परमेश्वर के स्वर्गदूतों के साम्हने आनन्द होता है॥ लूका 15:10

लूका 16:15, 30,

  • उस ने उन से कहा; तुम तो मनुष्यों के साम्हने अपने आप को धर्मी ठहराते हो: परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है। लूका 16:15
  • उस ने कहा; नहीं, हे पिता इब्राहीम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उन के पास जाए, तो वे मन फिराएंगे। लूका 16:30

लूका 18:4, 11, 21:14, 34,

  • उस ने कितने समय तक तो न माना परन्तु अन्त में मन में विचारकर कहा, यद्यपि मैं न परमेश्वर से डरता, और न मनुष्यों की कुछ परवाह करता हूं। लूका 18:4
  • फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं अन्धेर करने वाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूं। लूका 18:11
  • इसलिये अपने अपने मन में ठान रखो कि हम पहिले से उत्तर देने की चिन्ता न करेंगे। लूका 21:14
  • इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े। लूका 21:34

लूका 23:10, 24:32, 38,

  • और महायाजक और शास्त्री खड़े हुए तन मन से उस पर दोष लगाते रहे। लूका 23:10
  • उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई? लूका 24:32
  • उस ने उन से कहा; क्यों घबराते हो और तुम्हारे मन में क्यों सन्देह उठते हैं? लूका 24:38
  • यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा। लूका 24:47
Optimal Health - 3 2 - Optimal Health - Health Is True Wealth.

यूहन्ना 2:25, 5:38, 6:61, 10:24, 38, 12:40

  • और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है। यूहन्ना 2:25
  • और उसके वचन को मन में स्थिर नहीं रखते क्योंकि जिसे उस ने भेजा उस की प्रतीति नहीं करते। यूहन्ना 5:38
  • यीशु ने अपने मन में यह जान कर कि मेरे चेले आपस में इस बात पर कुड़कुड़ाते हैं, उन से पूछा, क्या इस बात से तुम्हें ठोकर लगती है? यूहन्ना 6:61
  • तब यहूदियों ने उसे आ घेरा और पूछा, तू हमारे मन को कब तक दुविधा में रखेगा? यदि तू मसीह है, तो हम से साफ कह दे। यूहन्ना 10:24
  • यीशु मन में फिर बहुत ही उदास होकर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था। यूहन्ना 11:38
  • कि उस ने उन की आंखें अन्धी, और उन का मन कठोर किया है; कहीं ऐसा न हो, कि आंखों से देखें, और मन से समझें, और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूं। यूहन्ना 12:40

यूहन्ना 13:2, 14:1, 27, 16:6, 22

  • जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय। यूहन्ना 13:2
  • तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। यूहन्ना 14:1
  • मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।यूहन्ना 14:27
  • परन्तु मैं ने जो ये बातें तुम से कही हैं, इसलिये तुम्हारा मन शोक से भर गया। यूहन्ना 16:6
  • और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा। यूहन्ना 16:22