परमेश्वर का धन्यवाद करो | Give Thanks to God
परमेश्वर का धन्यवाद करो | Give Thanks to God

परमेश्वर का धन्यवाद करो (Give Thanks to God) भजन संहिता 142:7

परमेश्वर का धन्यवाद करो (Give Thanks to God) भजन संहिता 142:7

Give Thanks to God. परमेश्वर का धन्यवाद करो (Give Thanks to God) भजन संहिता 142:7, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।  जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है। जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है॥  परमेश्वर का धन्यवाद करो | Give Thanks to God. स्वर्ग के परमेश्वर का धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है। मैं पूरे मन से तेरा धन्यवाद करूँगा; देवताओं के सामने भी मैं तेरा भजन गाऊँगा।

धन्यवाद करो | Give Thanks 

मैं तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत करूँगा, और तेरी करुणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूँगा, क्योंकि तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अधिक महत्त्व दिया है।  हे यहोवा, पृथ्वी के सब राजा तेरा धन्यवाद करेंगे, क्योंकि उन्होंने तेरे वचन सुने हैं;  मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। 

धन्यवाद करो | Give Thanks 
धन्यवाद करो | Give Thanks 

थिस्सलुनीकियों 5:18, भजन संहिता 142:7, 145:10, 147:7, यशायाह 25:1, 38:18, 38:19

  1. हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है। 1 थिस्सलुनीकियों 5:18
  2. मुझ को बन्दीगृह से निकाल कि मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूं! धर्मी लोग मेरे चारों ओर आएंगे; क्योंकि तू मेरा उपकार करेगा॥ भजन संहिता 142:7
  3. हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!भजन संहिता 145:10
  4. धन्यवाद करते हुए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते हुए हमारे परमेश्वर का भजन गाओ। भजन संहिता 147:7
  5. हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियां की हैं। यशायाह 25:1
  6. क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कबर में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते, यशायाह 38:18
  7. जीवित, हाँ जीवित ही तेरा धन्यवाद करता है, जैसा मैं आज कर रहा हूं; पिता तेरी सच्चाई का समाचार पुत्रों को देता है॥ यशायाह 38:19

यशायाह 51:3, यिर्मयाह 33:11, होशे 14:2, योना 2:9

  1. यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उसने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा॥ यशायाह 51:3
  2. इस बात के कहने वालों का शब्द फिर सुनाईं पड़ेगा कि सेनाओं के यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि यहोवा भला है, और उसकी करुणा सदा की है। और यहोवा के भवन में धन्यवादबलि लाने वालों का भी शब्द सुनाईं देगा; क्योंकि मैं इस देश की दशा पहिले की नाईं ज्यों की त्यों कर दूंगा, यहोवा का यही वचन है। यिर्मयाह 33:11
  3. हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूं, बातें सीख कर और यहोवा की ओर फिर कर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे। होशे 14:2
  4. परन्तु मैं ऊंचे शब्द से धन्यवाद कर के तुझे बलिदान चढ़ाऊंगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूंगा। उद्धार यहोवा ही से होता है। योना 2:9

मत्ती 11:25, 14:19, 15:36, 26:27, भजन संहिता 140:13, लूका 22:17

  1. उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है। मत्ती 11:25
  2. तब उस ने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पांच रोटियों और दो मछिलयों को लिया; स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियां तोड़ तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को। मत्ती 14:19
  3. उन सात रोटियों और मछिलयों को ले धन्यवाद करके तोड़ा और अपने चेलों को देता गया; और चेले लोगों को। मत्ती 15:36
  4. फिर उस ने कटोरा लेकर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ। मत्ती 26:27
  5. अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: नि:सन्देह धर्मी तेरे नाम का धन्यवाद करने पाएंगे; सीधे लोग तेरे सम्मुख वास करेंगे॥ भजन संहिता 140:13
  6. तब उस ने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और कहा, इस को लो और आपस में बांट लो। लूका 22:17

यूहन्ना 11:41, प्रेरितों के काम 24:3, 27:35, रोमियो 1:8, 6:17

  1. यीशु ने आंखें उठाकर कहा, हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं कि तू ने मेरी सुन ली है। यूहन्ना 11:41
  2. इस को हम हर जगह और हर प्रकार से धन्यवाद के साथ मानते हैं। प्रेरितों के काम 24:3
  3. और यह कहकर उस ने रोटी लेकर सब के साम्हने परमेश्वर का धन्यवाद किया; और तोड़कर खाने लगा। प्रेरितों के काम 27:35
  4. पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है। रोमियो 1:8
  5. परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे, तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे। रोमियो 6:17

रोमियो 7:25, 14:6, 15:9, 1 कुरिन्थियों 10:16, 14:16, 15:57

  1. मैं अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं: निदान मैं आप बुद्धि से तो परमेश्वर की व्यवस्था का, परन्तु शरीर से पाप की व्यवस्था का सेवन करता हूं॥ रोमियो 7:25
  2. जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है: जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जा नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है। रोमियो 14:6
  3. और अन्यजाति भी दया के कारण परमेश्वर की बड़ाई करें, जैसा लिखा है, कि इसलिये मैं जाति जाति में तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम के भजन गाऊंगा। रोमियो 15:9
  4. वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लोहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं? 1 कुरिन्थियों 10:16
  5. नहीं तो यदि तू आत्मा ही से धन्यवाद करेगा, तो फिर अज्ञानी तेरे धन्यवाद पर आमीन क्योंकर कहेगा? इसलिये कि वह तो नहीं जानता, कि तू क्या कहता है? 1 कुरिन्थियों 14:16
  6. परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्त करता है। 1 कुरिन्थियों 15:57

2 कुरिन्थियों 1:3, 2:14, 4:15, 8:16, 9:15

  1. हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है। 2 कुरिन्थियों 1:3
  2. परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है। 2 कुरिन्थियों 2:14
  3.  सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए॥ 2 कुरिन्थियों 4:15
  4.  परमेश्वर का धन्यवाद हो, जिस ने तुम्हारे लिये वही उत्साह तितुस के हृदय में डाल दिया है। 2 कुरिन्थियों 8:16
  5. परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो॥ 2 कुरिन्थियों 9:15

इफिसियों 1:3, 6, 5:20, फिलिप्पियों 4:6, कुलुस्सियों 1:3

  1. हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है। इफिसियों 1:3
  2. तुम्हारे लिये धन्यवाद करना नहीं छोड़ता, और अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण किया करता हूं। इफिसियों 1:16
  3. और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। इफिसियों 5:20
  4. मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं। फिलिप्पियों 1:3
  5. किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। फिलिप्पियों 4:6
  6. हम तुम्हारे लिये नित प्रार्थना करके अपने प्रभु यीशु मसीह के पिता अर्थात परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। कुलुस्सियों 1:3

कुलुस्सियों 2:7, 3:15, 4:2, 1 थिस्सलुनीकियों 1:2

  1. उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो॥ कुलुस्सियों 2:7
  2. मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। कुलुस्सियों 3:15
  3. प्रार्थना में लगे रहो, और धन्यवाद के साथ उस में जागृत रहो। कुलुस्सियों 4:2
  4.  हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। 1 थिस्सलुनीकियों 1:2

2 थिस्सलुनीकियों 2:13, 1 तीमुथियुस 1:12, 4:4, फिलेमोन 1:5, प्रकाशित वाक्य 4:9

  1. इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ। कि आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ। 2 थिस्सलुनीकियों 2:13
  2. और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उस ने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। 1 तीमुथियुस 1:12
  3. अब मैं सब से पहिले यह उपदेश देता हूं, कि बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएं। 1 तीमुथियुस 2:1
  4. क्योंकि परमेश्वर की सृजी हुई हर एक वस्तु अच्छी है: और कोई वस्तु अस्वीकार करने के योग्य नहीं; पर यह कि धन्यवाद के साथ खाई जाए। 1 तीमुथियुस 4:4
  5. सदा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं; और अपनी प्रार्थनाओं में भी तुझे स्मरण करता हूं। फिलेमोन 1:5
  6. और जब वे प्राणी उस की जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। प्रकाशित वाक्य 4:9

70 PLUS BIBLE VERSES ABOUT ATTITUDE OF GRATITUDE

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Harshit Brave

Health Care Advisor, Guide, Teacher, and Trainer. Life Counselling Coach. About Us. Optimal Health is something you all can refer to as perfect health an individual can have. Being healthy only physically is not enough, to attain that perfect health you need to be healthy in all the aspects of life, hence; Optimal Health – Happiness, Health, Wealth, Wisdom, and Spirituality.