पुस्तक: ‘सोचिए और अमीर बनिए’ Book: ‘Think and Grow Rich’
पुस्तक ‘सोचिए और अमीर बनिए’ Book: ‘Think and Grow Rich’ एक बेहतरीन पुस्तक: इसे अवश्य पढ़ना चाहिये, सकारात्मक सोच के विषय में बातें करते हैं, वह कहते हैं कि “सोच से सारा फर्क पड़ता है” । “हालात और परिस्थितियों से फर्क नहीं पड़ता सोच सही सारा फर्क पड़ता है”। – नेपोलियन हिल, अगर आप जीतना चाहते हैं तो एक विचार को लें और उस पर विचार करें ।
शुरुआत करने का निर्णय लें,
किसी कार्य को शुरू करने का निर्णय लेना जरूरी होता है । जब आप उस कार्य को करने के लिए किसी निर्णय पर पहुंचते हैं आपकी चाहत होती है उसे पाने की , तीव्र इच्छा शक्ति के साथ आप उस कार्य को पूरा भी कर लेते हैं।
सुंदर सोच रखे;
मैंने सोच के बारे में पढ़ा और सचमुच मैंने बहुत सारे लेखकों की पुस्तकों को पढ़ा है जो सकारात्मक सोच पर आधारित हैं: पॉजिटिव थिंकिंग, सकारात्मक सोच और सकारात्मक सोच की शक्ति आदि। जब हम अनेक लोगों को सुनते हैं, पढ़ते हैं और सकारात्मक सोच के विषय में ढेरों किताबें लिखी गई हैं, जब हम जीवन के अंदर सकारात्मक सोच को विकसित करते हैं।
हमारी चीजें बदलने लगती हैं।
हमारे आसपास की चीजें जादुई तरीके से बदलने लगती हैं और हम अपने जीवन में तब्दीली को देखने पाते हैं नकारात्मक सोच हमारे जीवन में हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है हमारी आत्मा को नुकसान पहुंचाती हमारे मन को नुकसान पहुंचाती है और इस तरीके से हमारे जीवन के अंदर तमाम बुराइयां आ जाती हैं.
हमेशा सकारात्मक सोचें
जब हमारी सोच सकारात्मक होती है, तो हमारा भी दुख भी सुख में सुख बदल जाता है , लेकिन अगर हमारी सोच नकारात्मक हो जाती है , तो हमारे सुख भी दुख में बदल जाते हैं ।
गलत सोच कर हमको जितनी जल्दी हो सके त्याग कर देना चाहिए। बुरे विचारों से दूसरों का नुकसान तो होता ही है हमारा खुद का भी नुकसान होता है ।
आपके विचार और वहां तक ले जाते हैं; आपको आप जहां जाना चाहते हैं ।
पर कमजोर विचारों से अब दूर तक जाने की ताकत नहीं रख सकते । अक्सर अनैतिक कार्यो में लिप्त लोगों को धनवान और प्रतिष्ठित होते हुए देख आदमी में नकारात्मक चिंतन जाग उठता है। अपनी ईमानदारी उसे मूर्खतापूर्ण लगने लगती है बस सोचने लगता है क्या मिला मुझे झूठे आदर्शों पर चलकर ??और यह नकारात्मक चिंताएं हीं हमें दलदल धकेल देती हैं बेईमान लोगों की उत्पत्ति ऐसे ही विचारों के संक्रमण के कारण होती है । गलत सोच हमारी दुनिया को छोटा कर देती है, भीतरी और बाहरी हमारी दोनों दुनिया सिमट जाती है। निराशावादी और नकारात्मक मनुष्य अपने विचारों के द्वारा दूसरों को भी नुकसान पहुंचाते हैं, खुद को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
एक दर्द तो लेना पड़ेगा।
दुनिया में बिना दिए कुछ नहीं मिलता, फ्री कुछ नहीं मिलता है, हर एक चीज की कीमत अदा की जाती है । अपनी जीत के लिए अपने मन को तैयार कर लेते हैं तो आपको कुछ ना कुछ उसके लिए करना पड़ता है . नेपोलियन हिल कहते हैं “दुनिया में बिना दिए कुछ नहीं मिलता”।
पुस्तक: ‘सोचिए और अमीर बनिए’
दिमाग में एक निश्चित लक्ष्य होगा, सफलता निश्चित हो जाती है सफलता के लिए एक लक्ष्य जरूरी है और उस लक्ष्य पर पूरी गंभीरता से आगे बढ़ते रहना, लगातार प्रयास करते रहना, यानी लगातार उस पर काम करते रहना जरूरी है, सफलता के 3 स्टेप हैं।
3 स्टेप्स ऑफ सक्सेस
(1) लक्ष्य निर्धारित करना:- (DEFINITION OF DREAM = STRONG BURNING DESIRE- SHRI S. P.BHARILL)
(2) दूसरी चीज है एकाग्रता:- अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने की एकाग्रता ।
(3) तीसरी चीज है समर्पण:-
अवसर को हाथ से जाने ना दो, क्योंकि यदि हम चूक गये तो…!
कभी कभी हमारे पास अवसर होते हैं, हमारे सामने ही अवसर मौजूद होते हैं ,और हम अवसरों को नज़र अंदाज़ कर देते हैं। अवसर पिछले दरवाजे से चुपचाप से आते हैं, कभी कभी अवसर दुर्भाग्य,अपराजय के रूप में आते हैं, हम उन्हें स्वीकार नहीं करते, हम उन्हें व्यर्थ गवां देते हैं जबकि उन्हीं दुर्भाग्य और पराजय के बीच में एक अच्छा अवसर छुपा होता है जो हमारी जिंदगी को बदल सकता है हमें उसे पहचानना जरूरी है।
सोचना तो पड़ेगा ही: अब ये अलग बात है कि हम मुसीबत से पहले सोचें या बाद में।
अगर हम निरंतर एक बात को सोचते रहते हैं, तो एक समय आता है कि हम उस बात को पूरा भी कर सकते हैं । हम सोचते हुए आगे बढ़ सकते हैं सोचते हुए सफलता को प्राप्त कर सकते हैं ।
सफलता या असफलता हमारी सोच पर निर्भर है, इसी तरीके से बीमारी या हमारा स्वास्थ्य हमारे ऊपर निर्भर है। जीवन में मिलने वाले तमाम अस्थाई पराजय के कारण आप कभी भी मैदान ना छोड़े, क्योंकि असफलताएं पराजय थोड़े समय का है और पराजय हमेशा नहीं बनी रहेगी।
हमारे विचार: जो हमें रोज बनाते या बिगाडते रहते हैं
नेपोलियन हिल अपनी पुस्तक में लिखते हैं:- धरती के नीचे जितना सोना छुपा हुआ है:-, उससे कहीं अधिक सोना इंसानों के विचारों में छुपा हुआ है । हमारे विचार ही हमें समृद्ध बनाते हैं। अब अगली बार जब भी आपके जीवन के अंदर पराजय आए, असफलता आए, आप धैर्य न छोड़ें, हार मानने से पहले विश्लेषण करें ।
धीरज रखें ।
विशेषज्ञ से सलाह लें और तब जाकर के आप किसी निर्णय पर पहुंचें। पहली हार और असफलता से सबक लें और आगे बढ़े , लोगों की ना की परवाह कभी ना करें। अगर हम लोगों की ना की परवाह ना करें, अगले कदम पर ही सफलता खड़ी होती है. असफलता बहुत चालाक और मजाकिया किस्म की होती है इसे इंसान को तब गिराने में ज्यादा मजा आता है जब सफलता उनके बेहद करीब होती है. नेपोलियन हिल “ना का मतलब हमेशा ना नहीं होता”।
निरंतर प्रयास
जुटे रहना ही एकमात्र सफलता की कुंजी है, किसी भी हाल में, परिस्थिति में , मैदान ना छोड़े , हार ना माने ।
आपका एक दमदार विचार जो जिंदगी बदल देगा। सफलता हासिल करने के लिए इंसान को सिर्फ एक दमदार विचार की आवश्यकता होती है। जब दौलत आती है तो इतनी तेजी से आती है और इतनी ज्यादा आती है कि आदमी हैरान हो जाता है कि इतनी गरीबी के दिनों में वो इतने सालों तक कहां छुपी हुई थी।
यह गलत है कि दौलत केवल कड़ी मेहनत से ही आती है । सफलता उन्हीं को मिलती है जो सफलता के बारे में जागरूक रहते हैं।
असफलता भी उन्हीं को मिलती है जो असफलता के बारे में सोचते रहते हैं। इच्छा शक्ति के द्वारा हम अपने भाग्य के निर्माता बन सकते । हम अपनी आत्माओं के कप्तान हैं । हम अपनी आत्मा के द्वारा, अपने विचारों के द्वारा, अपनी शक्ति के द्वारा, अपने जीवन को बदल सकते हैं ।
हमारे मन में जो विचार उत्पन्न होते हैं, उनमें चुम्बकीय संवेदना होती है, जो उस वस्तु को आकर्षित करते हैं जिसे हम शिद्दत से पाना चाहते हैं।
मस्तिष्क में विचारों की चुंबकीय शक्ति होती है , जो धन और स्वास्थ्य को आकर्षित करती है । दौलत हासिल करने के लिए अपने विचारों के अंदर उसी चुंबकीय शक्ति को पनपने दें । जब हम एक ही बात को सोचते हैं तो वह विचार इतना ताकतवर हो जाता है कि आप उसी के अनुसार कार्य करते हैं , निरंतर कार्य के परिणामस्वरूप सफलता निश्चित मिल जाती है । नेपोलियन हिल कहते हैं इंसान का मस्तिष्क जो सोच सकता है और जिसने उसे यकीन है वह उसे एक दिन हासिल भी कर सकता है।
पुस्तक: ‘सोचिए और अमीर बनिए’
सफलता के लिए जो जरूरी चीज है, वह है ‘विचार’ “थिंकिंग” ।
फिर निश्चित दृढ़ता और उसके बाद समर्पण जब हम किसी विचार के साथ, एक लक्ष्य को लेकर के आगे बढ़ते हैं, निश्चित तौर पर निरंतर प्रयास करते हैं पूरे समर्पण के साथ तो फिर हमें कोई भी व्यक्ति असफल नहीं बन सकता। लक्ष्य और इच्छाशक्ति उपलब्धियों का शुरुआती बिंदु है। जो हमें वह सब चीज मुहैया कराता है जिस चीज को हम हासिल करना चाहते हैं। निश्चित लक्ष्य बनाइए और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी सारी ऊर्जा, एक शक्ति, प्रयास सब कुछ उसके अंदर झौंक दीजिए और तब देखिए आप कैसे चमत्कारी रूप पर सफल हो जाएंगे।
किसी भी काम की धुन या जुनून अमीरी की ओर ले जाती है।
अमीरी की ओर धकेलने के लिए एक प्रेरणा चाहिए। प्रेरणा के द्वारा ही आप आगे बढ़ सकते हैं ,पीछे लौटने वाले सभी रास्तों को बंद कर दीजिए । कभी-कभी हमारी जिंदगी के अंदर ऐसा समय आता है जब करो या मरो की स्थिति में होते हैं। डटे रहने से हमारी सफलता निश्चित होती है, क्योंकि तब हमारे पास पीछे लौटने के लिए कोई साधन नहीं है । सफल लोगों और असफल लोगों में बस एक यही एक अंतर है । सफल लोग डटे रहते हैं, डटे रहते हैं, जबकि असफल लोग मैदान छोड़ देते हैं और पीछे हट जाते हैं।
आपके अंदर एक प्रबल इच्छा होनी चाहिए,
दौलत, समृद्धि, स्वास्थ्य जो कुछ भी आपको चाहिए उस सब को पाने के लिए आपके अंदर एक प्रबल इच्छा होनी चाहिए, तभी वो चीज आपको हासिल हो पाएगी । किसी चीज को हासिल करना चाहते हैं तो आपको उसके बारे में सोचना होगा विचार करना होगा और एक लक्ष्य बनाना होगा, लक्ष्य बनाने के बाद आप निरंतर उस लक्ष्य की दिशा में प्रयास करते रहेंगे और पूरे समर्पण और जुनून के साथ, जो चाहते हैं तो अंत में उसे हांसिल कर लेते हैं ।
प्रबल इच्छा और विश्वास महान कार्य करवा लेते हैं।
सब कुछ संभव बना देते हैं, यह हो सकता है, हो रहा है, हो गया है । इच्छाशक्ति जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो वह जुनून बन जाती है।
मस्तिष्क की कोई भी सीमाएं नहीं है, सिवाय उनके जिन्हें हम मान लेते हैं।
गरीबी या अमीरी दोनों हमारे ही विचारों की संताने हैं हम चाहे तो अपनी जिंदगी के अंदर अमीर बन सकते हैं और चाहे तो गरीब जो कुछ भी हो यह हमारे विचार की ही दी हुई हमारे उपज है जिसको हमने अपने लिए रच लिया है। प्रबल इच्छा शक्ति के बाद एक और चीज आती है वह है हमारा विश्वास।
हमारे विचार, हमारी प्रबल इच्छा शक्ति, लक्ष्य उसके बाद हमारा विश्वास है जो हमें सफल बनाने के लिए जरूरी है।
अगर हम किसी चीज के ऊपर विश्वास रखते हैं, तो हम यह जानते हैं कि सब कुछ विश्वास के अनुसार ही होता है । जैसा हमारा विश्वास होगा, फिर हम वही चीज पाने वाले हैं, अगर हमने असफलता के ऊपर विश्वास रखा है तो हमें असफलता पाने वाले हैं ।
बेहतरीन पुस्तक: ‘सोचिए और अमीर बनिए’
FAITH, BELIEVE IS THE KEY OF SUCCESS.
अगर सफलता के बारे में विश्वास है, तो हम सफलता को पाने वाले हैं।
अमीरी विचारों के रूप में शुरू होती है, यह समृद्धि में आकर के पूरी हो जाती है। असफलता की चरम सीमा जहां पर खत्म होती है सफलता वहां से शुरू होती है।
सफलता की चाबी:
सफलता के लिए लक्ष्य और निश्चित समय सीमा को जब हम ठहरा लेते हैं, तभी हम सफल होते हैं।
सम्रद्धि, स्वास्थ्य को आकर्षित करने के लिए आपको विचारों का सृजन करना होगा ।
विचार और कार्य ही आपकी समृद्धि के कारक हैं, आप अपने समृद्धि को इनके द्वारा ही खींच सकते हैं
दुनिया का सबसे बुद्धिमान आदमी भी धन कमाने या किसी और काम में सफल नहीं हो सकता, अगर उसके पास योजना ना हो।
सफल होने के लिए व्यावहारिक योजनाएं होना चाहिए, वो योजनाएं अमल में लाने योग्य ना हो ।
मैदान छोड़ कर भागने वाले कभी से नहीं जीतते । और जो जीतने वाले हैं, वह कभी भागते नहीं है, इस लिए मैदान मत छोड़ो।
अगर आप जीतना चाहते हैं तो आप डटे रहें ,लगे रहें आगे बढ़ते रहें और आप जरूर जीत जाएंगे।
लक्ष्य का पीछा करो, फिर हासिल करने के लिए कार्य करो। निश्चय करो, तारीख लिखो और चमत्कार हो जाएगा ।
सफलता के रहस्य मुख्य पड़ाव इस तरह हो सकते हैं जैसे:-
- 1. इच्छा शक्ति: दर्शन लक्ष्य कारण उद्देश्य जरूरी है
- 2. विश्वास: कुछ लक्ष्य के लिए हमारे विश्वास जरूरी है
- 3. आत्म सुधार करते हुए निरंतर प्रयास जारी रखना।
- 4. न्याय पूर्ण शुध्द आचरण करना।
अविचल साहस: जीतने के लिए डटे रहना। जोखिमों से ना डरें, क्योंकि डर के आगे जीत है।
- 6. कार्य कुशलता:- अपने कार्य में महारत हांसिल करना।
- 7. विवरण कुशलता ,विशेष योग्यताएं: हमेशा सर्वश्रेष्ठ बनने की तैयारी जारी रखें, सर्वश्रेष्ठ बनें।
- 8. योजनाओं की निश्चितता: योजनाओं के अनुरूप कार्य करना।
निर्णय की निश्चितता:- निर्णय लेना और प्रयास करना भी जरूरी है।
- 10. मानसिक मजबूती: अवचेतन मन की शक्ति को अधिक काम में लाने के लिए ध्यान योग जरूरी है।
- 11. जिम्मेदारी लेने की इच्छा: सफल लोग जिम्मेदार होते हैं जबकि असफल लोग लापरवाही से काम करते हैं।
- 12. सहयोग, सहानुभूति और समाज सेवा: दूसरों की सेवा करने से खुद की सफलता पक्की हो जाती है।
- 13. सुखद व्यक्तित्व: सफलता के लिए सुख जरूरी नहीं है, पर सुखों के लिए सफलता जरूरी है। आप सुखद व्यक्तित्व के धनी बन कर रहिये, सफलता स्वतः आपकी मित्र बन जाएगी।
चुनौती का सामना करो।
जो हर परिस्थिति में मुस्कुरा सकता है, फिर कौन उसे दुखी कर सकता है। जीवन चुनौती से भरा हो, फिर भी हर विषमता का साहस के साथ सामना करो। “अपने काम की योजना बनाएं और फिर उस योजना पर काम करें”।