प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा
प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा

प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा (Apostles’ Faith Aqeeda of Messengers)

प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा (Apostles’ Faith Aqeeda of Messengers)

मसीही विश्वाश: प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा। पवित्र आत्मा का आना जब पिन्तेकुस्त का दिन पूरा आया, तो वे सब एक मन होकर एक ही स्थान पर थे। और अचानक आकाश से एक प्रचण्ड आँधी का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, भर गया और उन्हें आग की नाईं फटी हुई जीभें दिखाई दीं, और वह उन में से प्रत्येक पर आ बैठी। और वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की शक्ति दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।

प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा (Apostles' Faith Aqeeda of Messengers)
प्रेरितों का विश्वास | रसूलों का अकीदा (Apostles’ Faith Aqeeda of Messengers)

पिन्तेकुस्त में पतरस का उपदेश

परन्तु पतरस ने उन ग्यारहोंके संग खड़े होकर अपक्की शब्‍द उठाकर उन से कहा, हे यहूदिया के लोगों, और हे यरूशलेम के सब रहने वालों, तुम यह जान लो, और मेरी बातोंको सुनो: क्योंकि ये मतवाले नहीं हैं, जैसा तुम समझते हो, यह तो दिन का तीसरा पहर है।

परन्तु यह वह है जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था; और अंत के दिनों में ऐसा होगा,

परमेश्वर की यह वाणी है, कि मैं अपना आत्मा सब प्राणियों पर उण्डेलूंगा; और तेरे बेटे-बेटियां भविष्यद्वाणी करेंगे, और तेरे जवान दर्शन और पुरनिये देखेंगे। सपने देखेंगे: और मैं अपके दासोंऔर दासियोंपर अपके आत्मा के उन दिनोंमें उण्डेलूंगा; और वे भविष्यवाणी करेंगे: और मैं ऊपर आकाश में अद्भुत काम और नीचे पृय्वी पर चिन्ह दिखाऊंगा; खून, और आग, और धुएं का वाष्प: सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चंद्रमा लोहू हो जाएगा, इससे पहले कि प्रभु का वह महान और उल्लेखनीय दिन आए:

ऐसा होगा, कि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।

हे इस्राएल के लोगों, ये बातें सुनो; नासरत के यीशु, एक आदमी जो आप में से चमत्कारों और चमत्कारों और संकेतों के द्वारा ईश्वर को पसंद करता है, जो ईश्वर ने आपके बीच में उसके द्वारा किया था,

जैसा कि आप आप भी जानते हैं: उसे, परमेश्वर की दृढ़ सम्मति और पूर्वज्ञान के द्वारा छुड़ाया जा रहा है, तुम ने ले लिया है, और दुष्ट हाथों से क्रूस पर चढ़ाया और मारा गया है: जिसे परमेश्वर ने मृत्यु की पीड़ा से मुक्त करके जिलाया है: क्योंकि यह संभव नहीं था कि वह उसे धारण किया जाए।
क्योंकि दाऊद उसके विषय में कहता है, कि मैं ने यहोवा को सर्वदा अपके साम्हने देखा है, क्योंकि वह मेरी दहिनी ओर विराजमान है, कि मैं हिल न जाऊं।

इस कारण मेरा मन आनन्दित हुआ, और मेरी जीभ मगन हुई; और मेरी देह भी आशा में टिकी रहेगी: क्योंकि तू मेरी आत्मा को नरक में नहीं छोड़ेगा, और न ही तू अपने पवित्र व्यक्ति को भ्रष्टाचार देखने के लिए पीड़ित करेगा।

तू ने मुझे जीवन का मार्ग बताया है; तू अपने मुख से मुझे आनन्द से भर देगा।
हे भाइयो, मैं तुम से कुलपिता दाऊद के विषय में तुम से खुलकर बात करूं, कि वह मरा और गाड़ा गया है, और उसकी कब्र आज तक हमारे पास है।
सो भविष्यद्वक्ता होकर, और यह जानकर कि परमेश्वर ने उस से शपय खाई है, कि उसकी कमर का फल मांस के अनुसार, वह मसीह को अपके सिंहासन पर विराजने के लिथे खड़ा करेगा; उसने यह देखकर मसीह के पुनरुत्थान की बात की, कि उसकी आत्मा को नरक में नहीं छोड़ा गया था, न ही उसके शरीर ने भ्रष्टाचार देखा था।

इसी यीशु को परमेश्वर ने जिलाया, जिसके हम सब साक्षी हैं।

इस कारण परमेश्वर के दाहिने हाथ से ऊंचा किया गया, और पिता से पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा प्राप्त करके, उस को छोड़ दिया, जिसे तुम अब देखते और सुनते हो।
क्योंकि दाऊद स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, वरन अपने आप से कहता है, कि यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा, तू मेरे दहिने हाथ बैठ
जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूं।

इसलिये इस्राएल का सारा घराना निश्चय जान ले, कि परमेश्वर ने उसी यीशु को, जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया है, प्रभु और मसीह दोनों बनाया है।
यह सुनकर वे मन में चुभने लगे, और पतरस और और प्रेरितों से कहने लगे, हे भाइयो, हम क्या करें?
तब पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले, और तुम पवित्र आत्मा का वरदान पाओगे।

प्रेरितों का विश्वास (हिन्दी)

  • मैं विश्वास करता हूं सर्वशक्तिमान पिता,
  • स्वर्ग और पृथ्वी के सृजनहार परमेश्वर पर।
  • मैं विश्वास करता हूं उनके एकलौते पुत्र, हमारे प्रभु यीशु मसीह पर,
  • जो कि पवित्र आत्मा की सामर्थ्य के द्वारा कुंवारी मरियम से पैदा से जन्मा,
  • जिसने पेंतुस, पिलातुस के शासनकाल में दुख उठाया,
  • जो क्रूस पर टांगा गया और मारा गया, गाड़ा गया,
  • और तीसरे दिन मृतकों में से उठा,
  • जो स्वर्ग पर चला गया,
  • और सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर के दाहिने हाथ विराजमान है,
  • और वहां से वह जीवित और मृतकों का न्याय करने को आएगा।
  • मैं विश्वास करता हूं, पवित्र आत्मा पर, पवित्र सर्व मंडल कलीसिया पर,
  • संतों की संगति पर,
  • देह के पुनुरुत्थान पर,
  • पापों की क्षमा पर और अनंत काल के जीवन पर;
  • आमीन।
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रसूलों का अकीदा (उर्दू)

  • मैं इतिकाद रखता हूं खुदा कादिर ए मुतलक़ बाप पर,
  • जिसने आसमान और जमीन को पैदा किया,
  • और उसके इकलौते बेटे हमारे खुदावंद यीशु मसीह पर,
  • कि वह रुह-उल-क़ुद्स से मुजस्सिम होकर कुँआरी मरियम से पैदा हुआ,
  • पेंतुस, पिलातुस की हुकूमत में दुख उठाया,
  • सलीब पर खींचा गया, मर गया और दफन हुआ,
  • तीसरे दिन मुर्दों में से जी उठा,
  • आसमान पर चढ़ गया,
  • और खुदा बाप कादिर-ए-मुतलक़ के दाहिने हाथ बैठा है,
  • जहां से वह जिंदों और मुर्दों का इंसाफ करने को आएगा।
  • मैं एतिकाद रखता हूं रुह-उल-क़ुद्स पर,
  • मुक़द्दसों की रिफाकत,
  • गुनाहों की मुआफ़ी,
  • जिस्म की जी उठने,
  • और हमेशा की जिंदगी पर।
  • आमीन।

ए हमारे बाप की दुआ (प्रभु की प्रार्थना)

  • ए हमारे बाप,
  • तू जो आसमान पर है।
  • तेरा नाम पाक माना जाए,
  • तेरी बादशाहत आये।
  • तेरी मर्जी जैसे आसमान पर पूरी होती है, वैसी ही जमीन पर भी पूरी हो जाए।
  • हमारी रोज की रोटी हमें दे।
  • और जिस तरह हमने अपने कुसूर वारों को माफ किया है, तू भी हमारे कुसूरों को माफ कर ।
  • और हमें आज़माइश में ना ला,
  • बल्कि बुराई से बचा।
  • क्योंकि बादशाहत और कुब्बत और जलाल हमेशा तेरे ही हैं ।
  • आमीन।

प्रार्थना कैसे करें?

  • यीशु ने कहा: जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में
  • और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। मत्ती 6:5
  • परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर;
  • और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। मत्ती 6:6
  • प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी। मत्ती 6:7
  •  सो तुम उन की नाईं न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है। मत्ती 6:8

 इस रीति से प्रार्थना किया करो;

  • “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। मत्ती 6:9
  •  तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। मत्ती 6:10
  • हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे। मत्ती 6:11
  • और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।मत्ती 6:12
  • और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा;
  • क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन। मत्ती 6:13इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। मत्ती 6:14
    और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा॥ मत्ती 6:15

How Do We PRAY?

  • Jesus said- when ye pray, you shall not be as the hypocrites, that love to stand and pray in the synagogues and corners of the streets,
  • That they may be seen by men: Amen I say to you, they have received their reward. Matthew 6:5
  • But thou when thou shalt pray, enter into thy chamber, and having shut the door, pray to thy Father in secret:
  • And thy Father who seeth in secret will repay thee. Matthew 6:6
  • And when you are praying, speak not much, as the heathens.
  • For they think that in their much speaking they may be heard. Matthew 6:7
  • Be not you therefore like to them, for your Father knoweth what is needful for you, before you ask him. Matthew 6:8

 Thus therefore shall you pray:

  • Our Father who art in heaven, hallowed be thy name. Matthew 6:9
  • Thy kingdom come. Thy will be done on earth as it is in heaven. Matthew 6:10
  • Give us this day our super substantial bread. Matthew 6:11
  • And forgive us our debts, as we also forgive our debtors. Matthew 6:12
  • And lead us not into temptation. But deliver us from evil. Amen. Matthew 6:13
  • For if you will forgive men their offences, your heavenly Father will forgive you also your offences. Matthew 6:14
  •  But if you will not forgive men, neither will your Father forgive you your offences. Matthew 6:15

 प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह और परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के सी होती रहे॥ 2 कुरिन्थियों 13:14

https://hindibible.live/
बाइबल से ‘विश्वास के पद’

https://youtu.be/_i3w6PwVq80

Harshit Brave

Health Care Advisor, Guide, Teacher, and Trainer. Life Counselling Coach. About Us. Optimal Health is something you all can refer to as perfect health an individual can have. Being healthy only physically is not enough, to attain that perfect health you need to be healthy in all the aspects of life, hence; Optimal Health – Happiness, Health, Wealth, Wisdom, and Spirituality.