DHANYWAD KE SATH STUTI | परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा
DHANYWAD KE SATH STUTI | परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा,और परम प्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; भजन संहिता 50:14
UPKAAR TERE HAIN BESHUMAR, KOTI KOTI STUTI DHANYWAD
DHANYWAD KE SATH STUTI GAUNGA,
HE YEESHU MERE KHUDA
UPKAAR TERE HAIN BESHUMAR,
KOTI KOTI STUTI DHANYWAD
1. YOGYTA SE BAD KE DIYA HAI,
APNI DAYA SE TUNE MUJHE
MAANGANE SE JYAADA MILA MUJHE,
AABHARI HOON PRABHU MAIN
DHANYWAD KE SATH STUTI GAUNGA,
HE YEESHU MERE KHUDA
UPKAAR TERE HAIN BESHUMAR,
KOTI KOTI STUTI DHANYWAD
2. TU HAI SACHCHA JINDA KHUDAA,
TUJH PAR HI BHAROSA MERA x 2
SEWA POORI KARKE PAAUN INAAM,
PRABHU AISA DO VARDAAN
DHANYWAD KE SATH STUTI GAUNGA,
HE YEESHU MERE KHUDA
PRASHANSA HOVE PRABHU YEESHU KI-LYRICS
भजन संहिता 50:1-5
1 ईश्वर परमेश्वर यहोवा ने कहा है, और उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक पृथ्वी के लोगों को बुलाया है।
भजन संहिता 50:1
2 सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्वर ने अपना तेज दिखाया है।
भजन संहिता 50:2
3 हमारा परमेश्वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आंधी चलेगी।
भजन संहिता 50:3
4 वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये ऊपर से आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा:
भजन संहिता 50:4
5 मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, जिन्होंने बलिदान चढ़ाकर मुझ से वाचा बान्धी है!
भजन संहिता 50:5
भजन संहिता 50:6-10
6 और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा क्योंकि परमेश्वर तो आप ही न्यायी है॥
भजन संहिता 50:6
7 हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूं, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूं। परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूं।
भजन संहिता 50:7
8 मैं तुझ पर तेरे मेल बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।
भजन संहिता 50:8
9 मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालों से बकरे ले लूंगा।
भजन संहिता 50:9
10 क्योंकि वन के सारे जीवजन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।
भजन संहिता 50:10
भजन संहिता 50:11-15
11 पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूं, और मैदान पर चलने फिरने वाले जानवार मेरे ही हैं॥
भजन संहिता 50:11
12 यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उस में है वह मेरा है।
भजन संहिता 50:12
13 क्या मैं बैल का मांस खाऊं, वा बकरों का लोहू पीऊं?
भजन संहिता 50:13
14 परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर;
भजन संहिता 50:14
15 और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
भजन संहिता 50:15
भजन संहिता 50:16-20
16 परन्तु दुष्ट से परमेश्वर कहता है: तुझे मेरी विधियों का वर्णन करने से क्या काम? तू मेरी वाचा की चर्चा क्यों करता है?
भजन संहिता 50:16
17 तू तो शिक्षा से बैर करता, और मेरे वचनों को तुच्छ जानता है।
भजन संहिता 50:17
18 जब तू ने चोर को देखा, तब उसकी संगति से प्रसन्न हुआ; और परस्त्रीगामियों के साथ भागी हुआ॥
भजन संहिता 50:18
19 तू ने अपना मुंह बुराई करने के लिये खोला, और तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है।
भजन संहिता 50:19
20 तू बैठा हुआ अपने भाई के विरुद्ध बोलता; और अपने सगे भाई की चुगली खाता है।
भजन संहिता 50:20
भजन संहिता 50:21-23
21 यह काम तू ने किया, और मैं चुप रहा; इसलिये तू ने समझ लिया कि परमेश्वर बिलकुल मेरे समान है। परन्तु मैं तुझे समझाऊंगा, और तेरी आंखों के साम्हने सब कुछ अलग अलग दिखाऊंगा॥
भजन संहिता 50:21
22 हे ईश्वर को भूलने वालों यह बात भली भांति समझ लो, कहीं ऐसा न हो कि मैं तुम्हें फाड़ डालूं, और कोई छुड़ाने वाला न हो!
भजन संहिता 50:22
23 धन्यवाद के बलिदान का चढ़ाने वाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!
भजन संहिता 50:23
Psalms 50:1-5
1 A psalm for Asaph. The God of gods, the Lord hath spoken: and he hath called the earth. From the rising of the sun, to the going down thereof:
Psalms 50:1
2 out of Sion the loveliness of his beauty.
Psalms 50:2
3 God shall come manifestly: our God shall come, and shall not keep silence. A fire shall burn before him: and a mighty tempest shall be round about him.
Psalms 50:3
4 He shall call heaven from above, and the earth, to judge his people.
Psalms 50:4
5 Gather ye together his saints to him: who set his covenant before sacrifices.
Psalms 50:5
Psalms 50:6-10
6 And the heavens shall declare his justice: for God is the judge.
Psalms 50:6
7 Hear, O my people, and I will speak: O Israel, and I will testify to thee: I am God, thy God.
Psalms 50:7
8 I will not reprove thee for thy sacrifices: and thy burnt offerings are always in my sight.
Psalms 50:8
9 I will not take calves out of thy house: nor he goats out of thy flocks.
Psalms 50:9
10 For all the beasts of the woods are mine: the cattle on the hills, and the oxen.
Psalms 50:10
Psalms 50:11-15
11 I know all the fowls of the air: and with me is the beauty of the field.
Psalms 50:11
12 If I should be hungry, I would not tell thee: for the world is mine, and the fulness thereof.
Psalms 50:12
13 Shall I eat the flesh of bullocks? or shall I drink the blood of goats?
Psalms 50:13
14 Offer to God the sacrifice of praise: and pay thy vows to the Highest.
Psalms 50:14
15 And call upon me in the day of trouble: I will deliver thee, and thou shalt glorify me.
Psalms 50:15
Psalms 50:16-20
16 But to the sinner God hath said: Why dost thou declare my justices, and take my covenant in thy mouth?
Psalms 50:16
17 Seeing thou hast hated discipline: and hast cast my words behind thee.
Psalms 50:17
18 If thou didst see a thief thou didst run with him: and with adulterers, thou hast been a partaker.
Psalms 50:18
19 Thy mouth hath abounded with evil, and thy tongue framed deceits.
Psalms 50:19
20 Sitting thou didst speak against thy brother, and didst lay a scandal against thy mother’s son:
Psalms 50:20
Psalms 50:21-23
21 these things hast thou done, and I was silent. Thou thoughtest unjustly that I should be like to thee: but I will reprove thee, and set before thy face.
Psalms 50:21
22 Understand these things, you that forget God; lest he snatches you away, and there be none to deliver you.
Psalms 50:22
23 The sacrifice of praise shall glorify me: and there is the way by which I will shew him the salvation of God.
Psalms 50:23