यीशु का पहाड़ी उपदेश
यीशु का पहाड़ी उपदेश

यीशु का पहाड़ी उपदेश (Jesus’s Mountain Motivational Teaching)

यीशु का पहाड़ी उपदेश (Jesus’s Mountain Motivational Teaching)

1) यीशु का पहाड़ी उपदेश (Jesus’s Mountain Motivational Teaching)

यीशु का पहाड़ी उपदेश (Jesus’s Mountain Motivational Teaching)। यीशु भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए। (मत्ती 5:1)। यीशु वहां से चलकर, गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर वहां बैठ गया। (मत्ती 15:29)।  फिर वह पहाड़ पर चढ़ गया, और जिन्हें वह चाहता था उन्हें अपने पास बुलाया; और वे उसके पास चले आए। (मरकुस 3:13)

 यीशु पहाड़ पर चढ़कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा। (यूहन्ना 6:3)

  • यीशु यह जानकर कि वे मुझे राजा बनाने के लिये आकर पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया। (यूहन्ना 6:15)
  • और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा। (मत्ती 4:23)
  • और वह अपना मुंह खोलकर उन्हें यह उपदेश देने लगा, (मत्ती 5:2) कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो कि मैं दृष्टान्त कहने को अपना मुंह खोलूंगा: मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्त रही हैं प्रगट करूंगा॥ (मत्ती 13:35)
  • और भोर को फिर मन्दिर में आया, और सब लोग उसके पास आए; और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा। (यूहन्ना 8:2)
  • क्योंकि वह उन के शास्त्रियों के समान नहीं परन्तु अधिकारी की नाईं उन्हें उपदेश देता था॥ मत्ती 7:29
  •  फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, कि शास्त्री क्योंकर कहते हैं, कि मसीह दाऊद का पुत्र है? (मरकुस 12:35)

यीशु का पहाड़ी उपदेश मत्ती 5:3-12/ लूका 6:20-23 (Jesus’s Mountain Motivational Teaching)

 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:3

 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे। मत्ती 5:4

धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। मत्ती 5:5

 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे। मत्ती 5:6

 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। मत्ती 5:7

 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। मत्ती 5:8

 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। मत्ती 5:9

धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:10

धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें। मत्ती 5:11

आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥ मत्ती 5:12

यीशु ने अपने चेलों की ओर देखकर कहा; धन्य हो तुम, जो दीन हो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। लूका 6:20

  • धन्य हो तुम, जो अब भूखे हो; क्योंकि तृप्त किए जाओगे; धन्य हो तुम, जो अब रोते हो, क्योंकि हंसोगे। लूका 6:21
  •  धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, और तुम्हें निकाल देंगे, और तुम्हारी निन्दा करेंगे, और तुम्हारा नाम बुरा जानकर काट देंगे। लूका 6:22
  • उस दिन आनन्दित होकर उछलना, क्योंकि देखो, तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा प्रतिफल है: उन के बाप-दादे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी वैसा ही किया करते थे। लूका 6:23

धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:3

1. धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:3

  • मैं तो दीन और दरिद्र हूं, तौभी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे मेरे परमेश्वर विलम्ब न कर॥ भजन संहिता 40:17
  • टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता॥ भजन संहिता 51:17
  • घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है। नीतिवचन 16:19
  • मनुष्य को गर्व के कारण नीचा देखना पड़ता है, परन्तु नम्र आत्मा वाला महिमा का अधिकारी होता है। नीतिवचन 29:23
  • यहोवा की यह वाणी है, ये सब वस्तुएं मेरे ही हाथ की बनाई हुई हैं, सो ये सब मेरी ही हैं। परन्तु मैं उसी की ओर दृष्टि करूंगा जो दीन और खेदित मन का हो, और मेरा वचन सुनकर थरथराता हो॥ यशायाह 66:2
  • यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है। मत्ती 19:14

धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे। मत्ती 5:4

2. धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे। मत्ती 5:4

  •  कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं; कि सब विलाप करने वालों को शान्ति दूं यशायाह 61:2
  • और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो। यशायाह 61:3
  • मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा। यूहन्ना 16:20
  • क्योंकि मेम्ना जो सिंहासन के बीच में है, उन की रखवाली करेगा; और उन्हें जीवन रूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा, और परमेश्वर उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा॥ प्रकाशित वाक्य 7:17
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3. धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। मत्ती 5:5

  • परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे। भजन संहिता 37:11
  • वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, हां वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा।  भजन संहिता 25:9
  •  यहोवा नम्र लोगों को सम्भलता है, और दुष्टों को भूमि पर गिरा देता है॥ भजन संहिता 147:6
  • नम्र लोग यहोवा के कारण फिर आनन्दित होंगे, और दरिद्र मनुष्य इस्राएल के पवित्र के कारण मगन होंगे। यशायाह 29:19
  • और तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है। शमूएल 22:36
  • तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दाहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है। भजन संहिता 18:35
  • सत्यता, नम्रता और धर्म के निमित्त अपने ऐश्वर्य और प्रताप पर सफलता से सवार हो; तेरा दहिना हाथ तुझे भयानक काम सिखलाए! भजन संहिता 45:4
  • यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है॥ नीतिवचन 15:33
  • नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है। नीतिवचन 18:12

नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है। नीतिवचन 22:4

  • छली की चालें बुरी होती हैं, वह दुष्ट युक्तियां निकालता है कि दरिद्र को भी झूठी बातों में लूटे जब कि वे ठीक और नम्रता से भी बोलते हों। यशायाह 32:7
  • हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? मीका 6:8
  • हे पृथ्वी के सब नम्र लोगों, हे यहोवा के नियम के मानने वालों, उसको ढूंढ़ते रहो; धर्म से ढूंढ़ों, नम्रता से ढूंढ़ो; सम्भव है तुम यहोवा के क्रोध के दिन में शरण पाओ। सपन्याह 2:3
  • तुम क्या चाहते हो क्या मैं छड़ी लेकर तुम्हारे पास आऊं या प्रेम और नम्रता की आत्मा के साथ? 1 कुरिन्थियों 4:21
  • मैं वही पौलुस जो तुम्हारे साम्हने दीन हूं, परन्तु पीठ पीछे तुम्हारी ओर साहस करता हूं; तुम को मसीह की नम्रता, और कोमलता के कारण समझाता हूं। 2 कुरिन्थियों 10:1
  • और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। गलातियों 5:23
  • हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा भी जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। गलातियों 6:1

सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। इफिसियों 4:2

  • इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। कुलुस्सियों 3:12
  • पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर। 1 तीमुथियुस 6:11
  • और विरोधियों को नम्रता से समझाए, क्या जाने परमेश्वर उन्हें मन फिराव का मन दे, कि वे भी सत्य को पहिचानें। 2 तीमुथियुस 2:25
  • किसी को बदनाम न करें; झगडालू न हों: पर कोमल स्वभाव के हों, और सब मनुष्यों के साथ बड़ी नम्रता के साथ रहें। तीतुस 3:2
  • इसलिये सारी मलिनता और बैर भाव की बढ़ती को दूर करके, उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो, जो हृदय में बोया गया और जो तुम्हारे प्राणों का उद्धार कर सकता है। याकूब 1:21
  • तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्पन्न होती है। याकूब 3:13
  • वरन तुम्हारा छिपा हुआ और गुप्त मनुष्यत्व, नम्रता और मन की दीनता की अविनाशी सजावट से सुसज्ज़ित रहे, क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में इसका मूल्य बड़ा है। 1 पतरस 3:4
  • पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ। 1 पतरस 3:15
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4. धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।  मत्ती 5:6

  • अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रूपए और बिना दाम ही आकर ले लो। यशायाह 55:1
  • जो भोजनवस्तु नहीं है, उसके लिये तुम क्यों रूपया लगाते हो, और, जिस से पेट नहीं भरता उसके लिये क्यों परिश्रम करते हो? मेरी ओर मन लगाकर सुनो, तब उत्तम वस्तुएं खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएं खाकर सन्तुष्ट हो जाओगे। यशायाह 55:2
  • उस ने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को छूछे हाथ निकाल दिया। लूका 1:53
  • परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। यूहन्ना 4:14

जीवन की रोटी मैं हूं। यूहन्ना 6:48

  • तुम्हारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए। यूहन्ना 6:49
  •  यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उस में से खाए और न मरे। यूहन्ना 6:50
  • जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूंगा, वह मेरा मांस है। यूहन्ना 6:51
  • फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए। यूहन्ना 7:37
  • जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके ह्रृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी। यूहन्ना 7:38
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5. धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। मत्ती 5:7

  • क्या ही धन्य है वह, जो कंगाल की सुधि रखता है! विपत्ति के दिन यहोवा उसको बचाएगा। भजन संहिता 41:1
  •  कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है। नीतिवचन 11:17
  • सो जैसा मैं ने तुझ पर दया की, वैसे ही क्या तुझे भी अपने संगी दास पर दया करना नहीं चाहिए था? मत्ती 18:33
  • इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है, तुम से भी वैसा ही करेगा॥ मत्ती 18:35
  •  क्योंकि जिस ने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्त होती है॥ याकूब 2:13
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6. धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। मत्ती 5:8

  • यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्र स्थान में कौन खड़ा हो सकता है? भजन संहिता 24:3
  •  जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।  भजन संहिता 24:4
  •  सचमुच इस्त्राएल के लिये अर्थात शुद्ध मन वालों के लिये परमेश्वर भला है। भजन संहिता 73:1

सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा। इब्रानियों 12:14

  •  हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उस को वैसा ही देखेंगे जैसा वह है।  1 यूहन्ना 3:2
  • और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है, जैसा वह पवित्र है। 1 यूहन्ना 3:3
  • और उसका मुंह देखेंगे, और उसका नाम उन के माथों पर लिखा हुआ होगा।  प्रकाशित वाक्य 22:4
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7. धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। मत्ती 5:9

  • यीशु ने कहा-परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। मत्ती 5:44
  • जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धमिर्यों और अधमिर्यों दोनों पर मेंह बरसाता है। मत्ती 5:45
  •  इसलिये कि जितने लोग परमेश्वर के आत्मा के चलाए चलते हैं, वे ही परमेश्वर के पुत्र हैं। रोमियो 8:14
  • इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। रोमियो 14:19
  • और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है॥ याकूब 3:18
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8. धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। मत्ती 5:10

  • क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। 2 कुरिन्थियों 4:17
  • हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो याकूब 1:2
  • धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है। याकूब 1:12
  • और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ। 1 पतरस 3:14
  • पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्दित और मगन हो। 1 पतरस 4:13
  • फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है। 1 पतरस 4:14

9. धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।  मत्ती 5:11

  • हे धर्म के जानने वालो, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो। यशायाह 51:7
  • जो बात मैं ने तुम से कही थी, कि दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता, उस को याद रखो: यदि उन्होंने मुझे सताया, तो तुम्हें भी सताएंगे; यदि उन्होंने मेरी बात मानी, तो तुम्हारी भी मानेंगे। यूहन्ना 15:20
  • परन्तु यह सब कुछ वे मेरे नाम के कारण तुम्हारे साथ करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजने वाले को नहीं जानते। यूहन्ना 15:21
  • फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है। 1 पतरस 4:14

10. आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥ मत्ती 5:12

  • परन्तु वे परमेश्वर के दूतों को ठट्ठों में उड़ाते, उस के वचनों को तुच्छ जानते, और उसके नबियों की हंसी करते थे। निदान यहोवा अपनी प्रजा पर ऐसा झुंझला उठा, कि बचने का कोई उपाय न रहा। 2 इतिहास 36:16
  • परन्तु वे तुझ से फिरकर बलवा करने वाले बन गए और तेरी व्यवस्था को त्याग दिया, और तेरे जो नबी तेरी ओर उन्हें फेरने के लिये उन को चिताते रहे उन को उन्होंने घात किया, और तेरा बहुत तिरस्कार किया। नहेमायाह 9:26

सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो

नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे। मत्ती 6:1।  इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो।  मत्ती 23:31।  हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा।  मत्ती 23:37

  1. विश्वास से चंगाई और सेवकाई
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Harshit Brave

Health Care Advisor, Guide, Teacher, and Trainer. Life Counselling Coach. About Us. Optimal Health is something you all can refer to as perfect health an individual can have. Being healthy only physically is not enough, to attain that perfect health you need to be healthy in all the aspects of life, hence; Optimal Health – Happiness, Health, Wealth, Wisdom, and Spirituality.