बाइबल के अनुसार जीवन आत्मा की व्यवस्था किसे कहते हैं?
बाइबल के अनुसार जीवनआत्मा की व्यवस्था किसे कहते हैं? –सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं। क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में मुझे पाप की, और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया। क्योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण दुर्बल होकर न कर सकी, उस को परमेश्वर ने किया, अर्थात अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेज कर, शरीर में पाप पर दण्ड की आज्ञा दी। रोमियो 8:1-3
इसलिये कि व्यवस्था की विधि हम में जो शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं, पूरी की जाए। रोमियो 8:4
- क्योंकि शरीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं;
- परन्तु आध्यात्मिक आत्मा की बातों पर मन लगाते हैं। रोमियो 8:5
- शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है। रोमियो 8:6
- क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है,
- क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है। रोमियो 8:7
- और जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते। रोमियो 8:8
बाइबल के अनुसार जीवन आत्मा की व्यवस्था किसे कहते हैं?
परन्तु जब कि परमेश्वर का आत्मा तुम में बसता है, तो तुम शारीरिक दशा में नहीं, परन्तु आत्मिक दशा में हो।
- यदि किसी में मसीह का आत्मा नहीं तो वह उसका जन नहीं। रोमियो 8:9
- और यदि मसीह तुम में है, तो देह पाप के कारण मरी हुई है; परन्तु आत्मा धर्म के कारण जीवित है। रोमियो 8:10
- क्योंकि तुम को दासत्व की आत्मा नहीं मिली,
- कि फिर भयभीत हो परन्तु लेपालकपन की आत्मा मिली है,
- जिस से हम हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारते हैं। रोमियो 8:15
- आत्मा आप ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं। रोमियो 8:16
यदि सन्तान हैं, तो वारिस भी, वरन परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं,
- जब कि हम उसके साथ दुख उठाएं कि उसके साथ महिमा भी पाएं॥ रोमियो 8:177
- क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने,
- जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं। रोमियो 8:18
- क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है। रोमियो 8:19
- और केवल वही नहीं पर हम भी जिन के पास आत्मा का पहिला फल है,
- आप ही अपने में कराहते हैं; और लेपालक होने की,
- अर्थात अपनी देह के छुटकारे की बाट जोहते हैं। रोमियो 8:23
फिर जिन्हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया,
उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है॥ रोमियो 8:30
- परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है,
- जयवन्त से भी बढ़कर हैं। रोमियो 8:37
- क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन,
- न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, रोमियो 8:38
- न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से,
- जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी॥ रोमियो 8:39
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