बाइबल की 12 ऐतिहासिक पुस्तकों में मन शब्द। (Words of the Mind in the 12 Historical Books of the Bible)
बाइबल की 12 ऐतिहासिक पुस्तकों में मन शब्द। (Words of the Mind in the 12 Historical Books of the Bible), बाइबल की नये नियम की पुस्तक में ‘मन’ शब्द कितनी बार और कहाँ-कहाँ आया है? (How many times and where does the word ‘mind’ appear in the New Testament book of the Bible?) 4 सुसमाचारों में 96 पद। भाग-1, ‘मन’ शब्द बाइबल में कहाँ कहाँ आया है? 162 पद। नये नियम की पुस्तक और पत्रियों में ‘मन’ शब्द। Where does the word ‘mind’ appear in the Bible? भाग-2
यहोशू 1:9, 2:9, 11, 5:1, 5, 8:1
- क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा॥ यहोशू 1:9
- इन पुरूषों से कहने लगी, मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है, और तुम्हारा भय हम लोगों के मन में समाया है, और इस देश के सब निवासी तुम्हारे कारण घबरा रहे हैं। यहोशू 2:9
- और यह सुनते ही हमारा मन पिघल गया, और तुम्हारे कारण किसी के जी में जी न रहा; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा ऊपर के आकाश का और नीचे की पृथ्वी का परमेश्वर है। यहोशू 2:11
- जब यरदन के पच्छिम की ओर रहने वाले एमोरियों के सब राजाओं ने, और समुद्र के पास रहने वाले कनानियों के सब राजाओं ने यह सुना, कि यहोवा ने इस्राएलियों के पार होने तक उनके साम्हने से यरदन का जल हटाकर सुखा रखा है, तब इस्राएलियों के डर के मारे उनका मन घबरा गया, और उनके जी में जी न रहा॥ यहोशू 5:1
- तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। यहोशू 7:5
- तब यहोवा ने यहोशू से कहा, मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो; कमर बान्धकर सब योद्धाओं को साथ ले, और ऐ पर चढ़ाई कर; सुन, मैं ने ऐ के राजा को उसकी प्रजा और उसके नगर और देश समेत तेरे वश में किया है। यहोशू 8:1
यहोशू 9:2, 10:25, 11:20, 14:7, 22:5, 23:14, 24:23
- वे एक मन हो कर यहोशू और इस्राएलियों से लड़ने को इकट्ठे हुए॥ यहोशू 9:2
- तब यहोशू ने उन से कहा, डरो मत, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; हियाव बान्धकर दृढ़ हो; क्योंकि यहोवा तुम्हारे सब शत्रुओं से जिन से तुम लड़ने वाले हो ऐसा ही करेगा। यहोशू 10:25
- क्योंकि यहोवा की जो मनसा थी, कि अपनी उस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी उन पर कुछ भी दया न करे; वरन सत्यानाश कर डाले, इस कारण उसने उनके मन ऐसे कठोर कर दिए, कि उन्होंने इस्राएलियों का साम्हना करके उन से युद्ध किया॥ यहोशू 11:20
- जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया। यहोशू 14:7
- केवल इस बात की पूरी चौकसी करना कि जो जो आज्ञा और व्यवस्था यहोवा के दास मूसा ने तुम को दी है उसको मानकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो, उसके सारे मार्गों पर चलो, उसकी आज्ञाएं मानों, उसकी भक्ति मे लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो। यहोशू 22:5
- सुनो, मैं तो अब सब संसारियों की गति पर जाने वाला हूं, और तुम सब अपने अपने हृदय और मन में जानते हो, कि जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही। यहोशू 23:14
- यहोशू ने कहा, अपने बीच पराए देवताओं को दूर करके अपना अपना मन इस्राएल के परमेश्वर की ओर लगाओ। यहोशू 24:23
न्यायियों 5:9, 15, 9:3,
- मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है, जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए। यहोवा को धन्य कहो॥ न्यायियों 5:9
- और इस्साकार के हाकिम दबोरा के संग हुए, जैसा इस्साकार वैसा ही बाराक भी था; उसके पीछे लगे हुए वे तराई में झपटकर गए। रूबेन की नदियों के पास बड़े बड़े काम मन में ठाने गए॥ न्यायियों 5:15
- तब उसके मामाओं ने शकेम के सब मनुष्यों से ऐसी ही बातें कहीं; और उन्होंने यह सोचकर कि अबीमेलेक तो हमारा भाई है अपना मन उसके पीछे लगा दिया। न्यायियों 9:3
न्यायियों 16:15, 17-18, 25, 20:8
- तब दलीला ने उस से कहा, तेरा मन तो मुझ से नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं? तू ने ये तीनों बार मुझ से छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है। न्यायियों 16:15
- तब उसने अपने मन का सारा भेद खोल कर उस से कहा, मेरे सिर पर छुरा कभी नहीं फिरा, क्योंकि मैं मां के पेट ही से परमेश्वर का नाजीर हूं, यदि मैं मूड़ा जाऊं, तो मेरा बल इतना घट जाएगा, कि मैं साधारण मनुष्य सा हो जाऊंगा। न्यायियों 16:17
- यह देखकर, कि उसने अपने मन का सारा भेद मुझ से कह दिया है, दलीला ने पलिश्तियों के सरदारों के पास कहला भेजा, कि अब की बार फिर आओ, क्योंकि उसने अपने मन का सब भेद मुझे बता दिया है। तब पलिश्तियों के सरदार हाथ में रूपया लिए हुए उसके पास गए। न्यायियों 16:18
- जब उनका मन मगन हो गया, तब उन्होंने कहा, शिमशोन को बुलवा लो, कि वह हमारे लिये तमाशा करे। इसलिये शिमशोन बन्दीगृह में से बुलवाया गया, और उनके लिये तमाशा करने लगा, और खम्भों के बीच खड़ा कर दिया गया। न्यायियों 16:25
- तब सब लोग एक मन हो, उठ कर कहने लगे, न तो हम में से कोई अपने डेरे जाएगा, और न कोई अपने घर की ओर मुड़ेगा। न्यायियों 20:8
रूत 2:13, 3:7
- उसने कहा, हे मेरे प्रभु, तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे, क्योंकि यद्यपि मैं तेरी दासियों में से किसी के भी बराबर नहीं हूं, तौभी तू ने अपनी दासी के मन में पैठनेवाली बातें कहकर मुझे शान्ति दी है। रूत 2:13
- जब बोअज खा पी चुका, और उसका मन आनन्दित हुआ, तब जा कर राशि के एक सिरे पर लेट गया। तब वह चुपचाप गई, और उसके पांव उघार के लेट गई। रूत 3:7
1 शमूएल 1:8, 10, 13, 15, 17,
- इसलिये उसके पति एल्काना ने उस से कहा, हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और मेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूं? 1 शमूएल 1:8
- और यह मन में व्याकुल हो कर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी। 1 शमूएल 1:10
- हन्ना मन ही मन कह रही थी; उसके होंठ तो हिलते थे परन्तु उसका शब्द न सुन पड़ता था; इसलिये एली ने समझा कि वह नशे में है। 1 शमूएल 1:13
- हन्ना ने कहा, नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूं; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है। 1 शमूएल 1:15
- एली ने कहा, कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे। 1 शमूएल 1:17
1 शमूएल 2:1, 33, 35,
- और हन्ना ने प्रार्थना करके कहा, मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सींग यहोवा के कारण ऊंचा, हुआ है। मेरा मुंह मेरे शत्रुओं के विरुद्ध खुल गया, क्योंकि मैं तेरे किए हुए उद्धार से आनन्दित हूं। 1 शमूएल 2:1
- मैं तेरे कुल के सब किसी से तो अपनी वेदी की सेवा न छीनूंगा, परन्तु तौभी तेरी आंखें देखती रह जाएंगी, और तेरा मन शोकित होगा, और तेरे घर की बढ़ती सब अपनी पूरी जवानी ही में मर मिटेंगें। 1 शमूएल 2:33
- और मैं अपने लिये एक विश्वासयोग्य याजक ठहराऊंगा, जो मेरे हृदय और मन की इच्छा के अनुसार किया करेगा, और मैं उसका घर बसाऊंगा और स्थिर करूंगा, और वह मेरे अभिषिक्त के आगे सब दिन चला फिरा करेगा। 1 शमूएल 2:35
1 शमूएल 4:13, 6:6, 7:3, 9:19
- वह जब पहुंचा उस समय एली, जिसका मन परमेश्वर के सन्दूक की चिन्ता से थरथरा रहा था, वह मार्ग के किनारे कुर्सी पर बैठा बाट जोह रहा था। और ज्योंही उस मनुष्य ने नगर में पहुंचकर वह समाचार दिया त्योंही सारा नगर चिल्ला उठा। 1 शमूएल 4:13
- तुम अपने मन क्यों ऐसे हठीले करते हो जैसे मिस्रियों और फिरौन ने अपने मन हठीले कर दिए थे? जब उसने उनके मध्य में अचम्भित काम किए, तब क्या उन्होंने उन लोगों को जाने न दिया, और क्या वे चले न गए? 1 शमूएल 6:6
- तब शमूएल ने इस्राएल के सारे घराने से कहा, यदि तुम अपने पूर्ण मन से यहोवा की ओर फिरे हो, तो पराए देवताओं और अश्तोरेत देवियों को अपने बीच में से दूर करो, और यहोवा की ओर अपना मन लगाकर केवल उसी की उपासना करो, तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा। 1 शमूएल 7:3
- उसने कहा, दर्शी तो मैं हूं; मेरे आगे आगे ऊंचे स्थान पर चढ़ जा, क्योंकि आज के दिन तुम मेरे साथ भोजन खाओगे, और बिहान को जो कुछ तेरे मन में हो सब कुछ मैं तुझे बता कर विदा करूंगा। 1 शमूएल 9:19
1 शमूएल 10:9, 26, 11:7, 12:20, 13:14, 14:7
- ज्योंही उसने शमूएल के पास से जाने को पीठ फेरी त्योंही परमेश्वर ने उसके मन को परिवर्तन किया; और वे सब चिन्ह उसी दिन प्रगट हुए॥ 1 शमूएल 10:9
- और शाऊल गिबा को अपने घर चला गया, और उसके साथ एक दल भी गया जिनके मन को परमेश्वर ने उभारा था। 1 शमूएल 10:26
- और उसने एक जोड़ी बैल ले कर उसके टुकड़े टुकड़े काटे, और यह कहकर दूतों के हाथ से इस्राएल के सारे देश में कहला भेजा, कि जो कोई आकर शाऊल और शमूएल के पीछे न हो लेगा उसके बैलों से ऐसा ही किया जाएगा। तब यहोवा का भय लोगों में ऐसा समाया कि वे एक मन हो कर निकल आए। 1 शमूएल 11:7
- शमूएल ने लोगों से कहा, डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उस की उपासना करना; 1 शमूएल 12:20
- परन्तु अब तेरा राज्य बना न रहेगा; यहोवा ने अपने लिये एक ऐसे पुरूष को ढूंढ़ लिया है जो उसके मन के अनुसार है; और यहोवा ने उसी को अपनी प्रजा पर प्रधान होने को ठहराया है, क्योंकि तू ने यहोवा की आज्ञा को नहीं माना॥ 1 शमूएल 13:14
- उसके हथियार ढोने वाले ने उस से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो वही कर; उधर चल, मैं तेरी इच्छा के अनुसार तेरे संग रहूंगा।1 शमूएल 14:7
1 शमूएल 16:7, 17:11, 28, 32, 18:1, 20:13, 30,
- परन्तु यहोवा ने शमूएल से कहा, न तो उसके रूप पर दृष्टि कर, और न उसके डील की ऊंचाई पर, क्योंकि मैं ने उसे अयोग्य जाना है; क्योंकि यहोवा का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु यहोवा की दृष्टि मन पर रहती है। 1 शमूएल 16:7
- उस पलिश्ती की इन बातों को सुनकर शाऊल और समस्त इस्राएलियों का मन कच्चा हो गया, और वे अत्यन्त डर गए॥1 शमूएल 17:11
- जब दाऊद उन मनुष्यों से बातें कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा था; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित हो कर कहने लगा, तू यहां क्या आया है? और जंगल में उन थोड़ी सी भेड़ बकरियों को तू किस के पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिये यहां आया है। 1 शमूएल 17:28
- तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जा कर उस पलिश्ती से लड़ेगा। 1 शमूएल 17:32
- जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के बराबर प्यार करने लगा। 1 शमूएल 18:1
- यदि मेरे पिता का मन तेरी बुराई करने का हो, और मैं तुझ पर यह प्रगट करके तुझे विदा न करूँ कि तू कुशल के साथ चला जाए, तो यहोवा योनातन से ऐसा ही वरन इस से भी अधिक करे। और यहोवा तेरे साथ वैसा ही रहे जैसा वह मेरे पिता के साथ रहा। 1 शमूएल 20:13
- तब शाऊल का कोप योनातन पर भड़क उठा, और उसने उस से कहा, हे कुटिला राजद्रोही के पुत्र, क्या मैं नहीं जानता कि तेरा मन तो यिशै के पुत्र पर लगा है? इसी से तेरी आशा का टूटना और तेरी माता का अनादर ही होगा। 1 शमूएल 20:30
1 शमूएल 21:12, 24:11, 25:36-37, 28:5,
- दाऊद ने ये बातें अपने मन में रखीं, और गत के राजा आकीश से अत्यन्त डर गया। 1 शमूएल 21:12
- फिर, हे मेरे पिता, देख, अपने बागे की छोर मेरे हाथ में देख; मैं ने तेरे बागे की छोर तो काट ली, परन्तु तुझे घात न किया; इस से निश्चय करके जान ले, कि मेरे मन में कोई बुराई वा अपराध का सोच नहीं है। और मैं ने तेरा कुछ अपराध नहीं किया, परन्तु तू मेरे प्राण लेने को मानो उसका अहेर करता रहता है। 1 शमूएल 24:11
- तब अबीगैल नाबाल के पास लौट गई; और क्या देखती है, कि वह घर में राजा की सी जेवनार कर रहा है। और नाबाल का मन मगन है, और वह नशे में अति चूर हो गया है; इसलिये उसने भोर के उजियाले होने से पहिले उस से कुछ भी न कहा। 1 शमूएल 25:36
- बिहान को जब नाबाल का नशा उतर गया, तब उसकी पत्नी ने उसे कुल हाल सुना दिया, तब उसके मन का हियाव जाता रहा, और वह पत्थर सा सुन्न हो गया। 1 शमूएल 25:37
- पलिश्तियों की सेना को देखकर शाऊल डर गया, और उसका मन अत्यन्त भयभीत हो कांप उठा। 1 शमूएल 28:5
2 शमूएल 3:12, 5:8, 6:14, 16, 7:3, 21,
- तब अब्नेर ने उसके नाम से दाऊद के पास दूतों से कहला भेजा, कि देश किस का है? और यह भी कहला भेजा, कि तू मेरे साथ वाचा बान्ध, और मैं तेरी सहायता करुंगा कि समस्त इस्राएल के मन तेरी ओर फेर दूं। 2 शमूएल 3:12
- उस दिन दाऊद ने कहा, जो कोई यबूसियों मारना चाहे, उसे चाहिये कि नाले से हो कर चढ़े, और अन्धे और लंगड़े जिन से दाऊद मन से घिन करता है उन्हें मारे। इस से यह कहावत चली, कि अन्धे और लगड़े भवन में आने न पाएंगे। 2 शमूएल 5:8
- और दाऊद सनी का एपोद कमर में कसे हुए यहोवा के सम्मुख तन मन से नाचता रहा। 2 शमूएल 6:14
- जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना। 2 शमूएल 6:16
- नातान ने राजा से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर; क्योंकि यहोवा तेरे संग है। 2 शमूएल 7:3
- तू ने अपने वचन के निमित्त, और अपने ही मन के अनुसार, यह सब बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले। 2 शमूएल 7:21
2 शमूएल 12:18, 13:20, 33, 39, 14:1, 15:6,
- सातवें दिन बच्चा मर गया, और दाऊद के कर्मचारी उसको बच्चे के मरने का समाचार देने से डरे; उन्होंने तो कहा था, कि जब तक बच्चा जीवित रहा, तब तक उसने हमारे समझाने पर मन न लगाया; यदि हम उसको बच्चे के मर जाने का हाल सुनाएं तो वह बहुत ही अधिक दु:खी होगा। 2 शमूएल 12:18
- उसके भाई अबशालोम ने उस से पूछा, क्या तेरा भाई अम्नोन तेरे साथ रहा है? परन्तु अब, हे मेरी बहिन, चुप रह, वह तो तेरा भाई है; इस बात की चिन्ता न कर। तब तामार अपने भाई अबशालोम के घर में मन मारे बैठी रही। 2 शमूएल 13:20
- इसलिये अब मेरा प्रभु राजा अपने मन में यह समझकर कि सब राजकुमार मर गए उदास न हो; क्योंकि केवल अम्नोन ही मर गया है। 2 शमूएल 13:33
- और दाऊद के मन में अबशालोम के पास जाने की बड़ी लालसा रही; क्योंकि अम्नोन जो मर गया था, इस कारण उसने उसके विषय में शान्ति पाई। 2 शमूएल 13:39
- और सरूयाह का पुत्र योआब ताड़ गया कि राजा का मन अबशालोम की ओर लगा है। 2 शमूएल 14:1
- और जितने इस्राएली राजा के पास अपना मुकद्दमा तै करने को आते उन सभों से अबशालोम ऐसा ही व्यवहार किया करता था; इस प्रकार अबशालोम ने इस्राएली मनुष्यों के मन को हर लिया। 2 शमूएल 15:6
2 शमूएल 15:11, 13, 19:14, 24:10
- और अबशालोम के संग दो सौ नेवतहारी यरूशलेम से गए; वे सीधे मन से उसका भेद बिना जाने गए। 2 शमूएल 15:11
- तब किसी ने दाऊद के पास जा कर यह समाचार दिया, कि इस्राएली मनुष्यों के मन अबशालोम की ओर हो गए हैं। 2 शमूएल 15:13
- इस प्रकार उसने सब यहूदी पुरुषों के मन ऐसे अपनी ओर खींच लिया कि मानों एक ही पुरुष था; और उन्होंने राजा के पास कहला भेजा, कि तू अपने सब कर्मचारियों को संग ले कर लौट आ। 2 शमूएल 19:14
- प्रजा की गणना करने के बाद दाऊद का मन व्याकुल हुआ। और दाऊद ने यहोवा से कहा, यह काम जो मैं ने किया वह महापाप है। तो अब, हे यहोवा, अपने दास का अधर्म दूर कर; क्योंकि मुझ से बड़ी मूर्खता हुई है।
- 2 शमूएल 24:10
1 राजा 2:44, 3:6, 12, 26, 28,
- और राजा ने शिमी से कहा, कि तू आप ही अपने मन में उस सब दुष्टता को जानता है, जो तू ने मेरे पिता दाऊद से की थी? इसलिये यहोवा तेरे सिर पर तेरी दुष्टता लौटा देगा। 1 राजा 2:44
- सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा; और तू ने यहां तक उस पर करुणा की थी कि उसे उसकी गद्दी पर बिराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है। 1 राजा 3:6
- मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहां तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा। 1 राजा 3:12
- तब जीवित बालक की माता का मन अपने बेटे के स्नेह से भर आया, और उसने राजा से कहा, हे मेरे प्रभु! जीवित बालक उसी को दे; परन्तु उसको किसी भांति न मार। दूसरी स्त्री ने कहा, वह न तो मेरा हो और न तेरा, वह दो टुकड़े किया जाए। 1 राजा 3:26
1 राजा 3:28, 8:23, 38, 39, 48, 50, 58, 59, 61,
- जो न्याय राजा ने चुकाया था, उसका समाचार समस्त इस्राएल को मिला, और उन्होंने राजा का भय माना, क्योंकि उन्होंने यह देखा, कि उसके मन में न्याय करने के लिये परमेश्वर की बुद्धि है। 1 राजा 3:28
- हे इस्राएल के परमेश्वर! तेरे समान न तो ऊपर स्वर्ग में, और न नीचे पृथ्वी पर कोई ईश्वर है: तेरे जो दास अपने सम्पूर्ण मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा पूरी करता, और करुणा करता रहता है। 1 राजा 8:23
- तब यदि कोई मनुष्य वा तेरी प्रजा इस्राएल अपने अपने मन का दु:ख जान लें, और गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करके अपने हाथ इस भवन की ओर फैलाएं; 1 राजा 8:38
- तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान में से सुनकर क्षमा करना, और ऐसा करना, कि एक एक के मन को जानकर उसकी समस्त चाल के अनुसार उसको फल देना: तू ही तो सब आदमियों के मन के भेदों का जानने वाला है। 1 राजा 8:39
- और यदि वे अपने उन शत्रुओं के देश में जो उन्हें बन्धुआ करके ले गए हों, अपने सम्पूर्ण मन और सम्पूर्ण प्राण से तेरी ओर फिरें और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरुखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, तुझ से प्रार्थना करें,
- वह हमारे मन अपनी ओर ऐसा फिराए रखे, कि हम उसके सब मार्गों पर चला करें, और उसकी आज्ञाएं और विधियां और नियम जिन्हें उसने हमारे पुरखाओं को दिया था, नित माना करें। 1 राजा 8:58
- और मेरी ये बातें जिनकी मैं ने यहोवा के साम्हने बिनती की है, वह दिन और रात हमारे परमेश्वर यहोवा के मन में बनी रहें, और जैसा दिन दिन प्रयोजन हो वैसा ही वह अपने दास का और अपनी प्रजा इस्राएल का भी न्याय किया करे, 1 राजा 8:59
- तो तुम्हारा मन हमारे परमेश्वर यहोवा की ओर ऐसी पूरी रीति से लगा रहे, कि आज की नाईं उसकी विधियों पर चलते और उसकी आज्ञाएं मानते रहो। 1 राजा 8:61
1 राजा 9:3-4, 10:2, 24, 11:2, 3, 4, 9,
- और यहोवा ने उस से कहा, जो प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ तू ने मुझ से की है, उसको मैं ने सुना है, यह जो भवन तू ने बनाया है, उस में मैं ने अपना नाम सदा के लिये रख कर उसे पवित्र किया है; और मेरी आंखें और मेरा मन नित्य वहीं लगे रहेंगे। 1 राजा 9:3
- और यादे तू अपने पिता दाऊद की नाईं मन की खराई और सिधाई से अपने को मेरे साम्हने जान कर चलता रहे, और मेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया करे, और मेरी विधियों और नियमों को मानता रहे, तो मैं तेरा राज्य इस्राएल के ऊपर सदा के लिये स्थिर करूंगा; 1 राजा 9:4
- वह तो बहुत भारी दल, और मसालों, और बहुत सोने, और मणि से लदे ऊंट साथ लिये हुए यरूशलेम को आई; और सुलैमान के पास पहुंच कर अपने मन की सब बातों के विषय में उस से बातें करने लगी। 1 राजा 10:2
- और समस्त पृथ्वी के लोग उसकी बुद्धि की बातें सुनने को जो परमेश्वर ने मन में उत्पन्न की थीं, सुलैमान का दर्शन पाना चाहते थे। 1 राजा 10:24
- वे उन जातियों की थीं, जिनके विषय में यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, कि तुम उनके मध्य में न जाना, और न वे तुम्हारे मध्य में आने पाएं, वे तुम्हारा मन अपने देवताओं की ओर नि:सन्देह फेरेंगी; उन्हीं की प्रीति में सुलैमान लिप्त हो गया। 1 राजा 11:2
- और उसके सात सौ रानियां, और तीन सौ रखेलियां हो गई थीं और उसकी इन स्त्रियों ने उसका मन बहका दिया। 1 राजा 11:3
- सो जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तब उसकी स्त्रियों ने उसका मन पराये देवताओं की ओर बहका दिया, और उसका मन अपने पिता दाऊद की नाईं अपने परमेश्वर यहोवा पर पूरी रीति से लगा न रहा। 1 राजा 11:4
- तब यहोवा ने सुलैमान पर क्रोध किया, क्योंकि उसका मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से फिर गया था जिसने दो बार उसको दर्शन दिया था। 1 राजा 11:9
1 राजा 12:27, 33, 14:8, 15:3, 14, 18:37,
- यदि प्रजा के लोग यरूशलेम में बलि करने को जाएं, तो उनका मन अपने स्वामी यहूदा के राजा रहूबियाम की ओर फिरेगा, और वे मुझे घात करके यहूदा के राजा रहूबियाम के हो जाएंगे। 1 राजा 12:27
- और जिस महीने की उसने अपने मन में कल्पना की थी अर्थात आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन को वह बेतेल में अपनी बनाई हुई वेदी के पास चढ़ गया। उसने इस्राएलियों के लिये एक पर्व्व ठहरा दिया, और धूप जलाने को वेदी के पास चढ़ गया। 1 राजा 12:33
- और दाऊद के घराने से राज्य छीनकर तुझ को दिया, परन्तु तू मेरे दास दाऊद के समान न हुआ जो मेरी आज्ञाओं को मानता, और अपने पूर्ण मन से मेरे पीछे पीछे चलता, और केवल वही करता था जो मेरी दृष्टि में ठीक है। 1 राजा 14:8
- वह वैसे ही पापों की लीक पर चलता रहा जैसे उसके पिता ने उस से पहिले किए थे और उसका मन अपने परमेश्वर यहोवा की ओर अपने परदादा दाऊद की नाईं पूरी रीति से सिद्ध न था; 1 राजा 15:3
- परन्तु ऊंचे स्थान तो ढाए न गए; तौभी आसा का मन जीवन भर यहोवा की ओर पूरी रीति से लगा रहा।1 राजा 15:14
- हे यहावा! मेरी सुन, मेरी सुन, कि ये लोग जान लें कि हे यहोवा, तू ही परमेश्वर है, और तू ही उनका मन लौटा लेता है। 1 राजा 18:37
1 राजा 20:33, 21:5, 7,
- उन लोगों ने इसे शुभ शकुन जानकर, फुतीं से बूझ लेने का यत्न किया कि यह उसके मन की बात है कि नहीं, और कहा, हां तेरा भाई बेन्हदद। राजा ने कहा, जा कर उसको ले आओ। तब बेन्हदद उसके पास निकल आया, और उसने उसे अपने रथ पर चढ़ा लिया। 1 राजा 20:33
- तब उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता? 1 राजा 21:5
- उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उस से कहा, क्या तू इस्राएल पर राज्य करता है कि नहीं? उठ कर भोजन कर; और तेरा मन आनन्दित हो; यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी मैं तुझे दिलवा दूंगी। 1 राजा 21:7
2 राजा 4:27, 6:11, 9:15, 10:15, 31, 19:7
- वह पहाड़ पर परमेश्वर के भक्त के पास पहुंची, और उसके पांव पकड़ने लगी, तब गेहजी उसके पास गया, कि उसे धक्का देकर हटाए, परन्तु परमेश्वर के भक्त ने कहा, उसे छोड़ दे, उसका मन व्याकुल है; परन्तु यहोवा ने मुझ को नहीं बताया, छिपा ही रखा है। 2 राजा 4:27
- इस कारण अराम के राजा का मन बहुत घबरा गया; सो उसने अपने कर्मचारियों को बुला कर उन से पूछा, क्या तुम मुझे न बताओगे कि हम लोगों में से कौन इस्राएल के राजा की ओर का है? उसके एक कर्मचारी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! ऐसा नहीं, 2 राजा 6:11
- परन्तु राजा योराम आप अपने घाव का जो अराम के राजा हजाएल से युद्ध करने के समय उसको अरामियों से लगे थे, उनका इलाज कराने के लिये यिज्रैल को लौठ गया था। ) तब येहू ने कहा, यदि तुम्हारा ऐसा मन हो, तो इस नगर में से कोई निकल कर यिज्रैल में सुनाने को न जाने पाए। 2 राजा 9:15
- जब वह वहां से चला, तब रेकाब का पुत्र यहोनादाब साम्हने से आता हुआ उसको मिला। उसका कुशल उस ने पूछ कर कहा, मेरा मन तो तेरी ओर निष्कपट है सो क्या तेरा मन भी वैसा ही है? यहोनादाब ने कहा, हां, ऐसा ही है। फिर उसने कहा, ऐसा हो, तो अपना हाथ मुझे दे। उसने अपना हाथ उसे दिया, और वह यह कह कर उसे अपने पास रथ पर चढ़ाने लगा, कि मेरे संग चल। 2 राजा 10:15
- परन्तु येहू ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की व्यवस्था पर पूर्ण मन से चलने की चौकसी न की, वरन यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार करने से वह अलग न हुआ। 2 राजा 10:31
- सुन, मैं उसके मन में प्रेरणा करूंगा, कि वह कुछ समाचार सुन कर अपने देश को लौट जाए, और मैं उसको उसी के देश में तलवार से मरवा डालूंगा। 2 राजा 19:7
2 राजा 20:3, 23:3, 25,
- मैं बिन्ती करता हूँ, स्मरण कर, कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जान कर चलता आया हूँ; और जो तुझे अच्छा तगता है वही मैं करता आया हूँ। तब हिजकिय्याह बिलक बिलक कर रोया। 2 राजा 20:3
- तब राजा ने खम्भे के पास खड़ा हो कर यहोवा से इस आशय की वाचा बान्धी, कि मैं यहोवा के पीछे पीछे चलूंगा, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी आज्ञाएं, चितौनियां और विधियों का नित पालन किया करूंगा, और इस वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी है पूरी करूंगा। और सब प्रजा वाचा में सम्भागी हुई। 2 राजा 23:3
- और उसके तुल्य न तो उस से पहिले कोई ऐसा राजा हुआ और न उसके बाद ऐसा कोई राजा उठा, जो मूसा की पूरी व्यवस्था के अनुसार अपने पूर्ण मन और मूर्ण प्राण और पूर्ण शक्ति से यहोवा की ओर फिरा हो। 2 राजा 23:25
1 इतिहास 2:55, 5:26, 12:17, 38, 13:8, 14:17
- फिर याबेस में रहने वाले लेखकों के कुल अर्थात तिराती, शिमाती और सूकाती हुए। ये रेकाब के घराने के मूलपुरुष हम्मन के वंश वाले केनी हैं। 1 इतिहास 2:55
- इसलिये इस्राएल के परमेश्वर ने अश्शूर के राजा पूल और अश्शूर के राजा तिलगत्पिलनेसेर का मन उभारा, और इन्होंने उन्हें अर्थात रूबेनियों, गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों को बन्धुआ कर के हलह, हाबोर और हारा और गोजान नदी के पास पहुंचा दिया; और वे आज के दिन तक वहीं रहते हैं। 1 इतिहास 5:26
- उन से मिलने को दाऊद निकला और उन से कहा, यदि तुम मेरे पास मित्रभाव से मेरी सहायता करने को आए हो, तब तो मेरा मन तुम से लगा रहेगा; परन्तु जो तुम मुझे धोखा देकर मेरे शत्रुओं के हाथ पकड़वाने आए हो, तो हमारे पितरों का परमेश्वर इस पर दृष्टि कर के डांटे, क्योंकि मेरे हाथ से कोई उपद्रव नहीं हुआ। 1 इतिहास 12:17
- ये सब युद्ध के लिये पांति बान्धने वाले दाऊद को सारे इस्राएल का राजा बनाने के लिये हेब्रोन में सच्चे मन से आए, और और सब इस्राएली भी दाऊद को राजा बनाने के लिये सहमत थे। 1 इतिहास 12:38
- और दाऊद और सारे इस्राएली परमेश्वर के साम्हने तन मन से गीत गाते और वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियां बजाते थे। 1 इतिहास 13:8
- तब दाऊद की कीर्ति सब देशों में फैल गई, और यहोवा ने सब जातियों के मन में उसका भय भर दिया। 1 इतिहास 14:17
1 इतिहास 15:29, 17:2, 19, 22:13, 19, 28:9, 20,
- जब यहोवा की वाचा का सन्दूक दाऊदपुर में पहुंचा तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांक कर दाऊद राजा को कूदते और खेलते हुए देखा, और उसे मन ही मन तूच्छ जाना। 1 इतिहास 15:29
- नातान ने दाऊद से कहा, जो कुछ तेरे मन में हो उसे कर, क्योंकि परमेश्वर तेरे संग है। 1 इतिहास 17:2
- हे यहोवा! तू ने अपने दास के निमित्त और अपने मन के अनुसार यह बड़ा काम किया है, कि तेरा दास उसको जान ले 1 इतिहास 17:19
- तू तब ही कृतार्थ होगा जब उन विधियों और नियमों पर चलने की चौकसी करेगा, जिनकी आज्ञा यहोवा ने इस्राएल के लिये मूसा को दी थी। हियाव बान्ध और दृढ़ हो। मत डर; और तेरा मन कच्चा न हो। 1 इतिहास 22:13
- अब तन मन से अपने परमेश्वर यहोवा के पास जाया करो, और जी लगा कर यहोवा परमेश्वर का पवित्रस्थान बनाना, कि तुम यहोवा की वाचा का सन्दूक और परमेश्वर के पवित्र पात्र उस भवन में लाओ जो यहोवा के नाम का बनने वाला है। 1 इतिहास 22:19
- और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। 1 इतिहास 28:9
- फिर दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से कहा, हियाव बान्ध और दृढ़ हो कर इस काम में लग जा। मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो, क्योंकि यहोवा परमेश्वर जो मेरा परमेश्वर है, वह तेरे संग है; और जब तक यहोवा के भवन में जितना काम करना हो वह न हो चुके, तब तक वह न तो तुझे धोखा देगा और न तुझे त्यागेगा। 1 इतिहास 28:20
1 इतिहास 29:3, 9, 17, 18, 19,
- फिर मेरा मन अपने परमेश्वर के भवन में लगा है, इस कारण जो कुछ मैं ने पवित्र भवन के लिये इकट्ठा किया है, उस सब से अधिक मैं अपना निज धन भी जो सोना चान्दी के रूप में मेरे पास है, अपने परमेश्वर के भवन के लिये दे देता हूँ। 1 इतिहास 29:3
- तब प्रजा के लोग आनन्दित हुए, क्योंकि हाकिमों ने प्रसन्न हो कर खरे मन और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये भेंट दी थी; और दाऊद राजा बहुत ही आनन्दित हुआ। 1 इतिहास 29:9
- और हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जांचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है; मैं ने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैं ने आनन्द से देखा है, कि तेरी प्रजा के लोग जो यहां उपस्थित हैं, वह अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं। 1 इतिहास 29:17
- हे यहोवा! हे हमारे पुरखा इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्वर! अपनी प्रजा के मन के विचारों में यह बात बनाए रख और उनके मन अपनी ओर लगाए रख। 1 इतिहास 29:18
- और मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं चितौनियों और विधियों को मानता रहे और यह सब कुछ करे, और उस भवन को बनाए, जिसकी तैयारी मैं ने की है। 1 इतिहास 29:19
2 इतिहास 6:14, 30, 38, 7;16, 9:1, 23,
- हे यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, तेरे समान न तो स्वर्ग में और न पृथ्वी पर कोई ईश्वर है: तेरे जो दास अपने सारे मन से अपने को तेरे सम्मुख जान कर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा पूरी करता और करुणा करता रहता है। 2 इतिहास 6:14
- तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान से सुन कर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जानने वाला है); 2 इतिहास 6:30
- सो यदि वे अपनी बन्धुआई के देश में जहां वे उन्हें बन्धुआ कर के ले गए हों अपने पूरे मन और सारे जीव से तेरी ओर फिरें, और अपने इस देश की ओर जो तू ने उनके पुरखाओं को दिया था, और इस नगर की ओर जिसे तू ने चुना है, और इस भवन की ओर जिसे मैं ने तेरे नाम का बनाया है, मुंह किए हुए तुझ से प्रार्थना करें, 2 इतिहास 6:38
- और अब मैं ने इस भवन को अपनाया और पवित्र किया है कि मेरा नाम सदा के लिये इस में बना रहे; मेरी आंखें और मेरा मन दोनों नित्य यहीं लगे रहेंगे। 2 इतिहास 7:16
- जब शीबा की रानी ने सुलैमान की कीर्ति सुनी, तब वह कठिन कठिन प्रश्नों से उसकी परीक्षा करने के लिये यरूशलेम को चली। वह बहुत भारी दल और मसालों और बहुत सोने और मणि से लदे ऊंट साथ लिये हुए आई, और सुलैमान के पास पहुंच कर उस से अपने मन की सब बातों के विषय बातें कीं। 2 इतिहास 9:1
- और पृथ्वी के सब राजा सुलैमान की उस बुद्धि की बातें सुनने को जो परमेश्वर ने उसके मन में उपजाई थीं उसका दर्शन करना चाहते थे। 2 इतिहास 9:23
2 इतिहास 11:16, 12:14, 13:7, 14:14, 15:12, 15, 17,
- और लेवियों के बाद इस्राएल के सब गोत्रों में से जितने मन लगा कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के खोजी थे वे अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को बलि चढ़ाने के लिये यरूशलेम को आए।
- 2 इतिहास 11:16
- उसने वह कर्म किया जो बुरा है, अर्थात उसने अपने मन को यहोवा की खोज में न लगाया। 2 इतिहास 12:14
- और उसके पास हलके और ओछे मनुष्य इकट्ठा हो गए हैं और जब सुलैमान का पुत्र रहूबियाम लड़का और अल्हड़ मन का था और उनका साम्हना न कर सकता था, तब वे उसके विरुद्ध सामथीं हो गए। 2 इतिहास 13:7
- और उन्होंने गरार के आस पास के सब नगरों को मार लिया, क्योंकि यहोवा का भय उनके रहने वालों के मन में समा गया और उन्होंने उन नगरों को लूट लिया, क्योंकि उन में बहुत सा धन था। 2 इतिहास 14:14
- और उन्होंने वाचा बान्धी कि हम अपने पूरे मन और सारे जीव से अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज करेंगे। 2 इतिहास 15:12
- और यह शपथ खाकर सब यहूदी आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने अपने सारे मन से शपथ खाई और बडी अभिलाषा से उसको ढूंढ़ा और वह उन को मिला, और यहोवा ने चारों ओर से उन्हें विश्राम दिया। 2 इतिहास 15:15
- ऊंचे स्थान तो इस्राएलियों में से न ढाए गए, तौभी आसा का मन जीवन भर निष्कपट रहा। 2 इतिहास 15:17
2 इतिहास 16:9, 17:6, 19:3, 9, 20:15, 17, 29, 33,
- देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा। 2 इतिहास 16:9
- और यहोवा के मार्गों पर चलते चलते उसका मन मगन हो गया; फिर उसने यहूदा से ऊंचे स्थान और अशेरा नाम मूरतें दूर कर दीं। 2 इतिहास 17:6
- तौभी तुझ में कुछ अच्छी बातें पाई जाती हैं। तू ने तो देश में से अशेरों को नाश किया और उपने मन को परमेश्वर की खोज में लगाया है। 2 इतिहास 19:3
- और वे यरूशलेम को लौटे। और उसने उन को आज्ञा दी, कि यहोवा का भय मान कर, सच्चाई और निष्कपट मन से ऐसा करना। 2 इतिहास 19:9
- और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है। 2 इतिहास 20:15
- इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा। 2 इतिहास 20:17
- और जब देश देश के सब राज्यों के लोगों ने सुना कि इस्राएल के शत्रुओं से यहोवा लड़ा, तब उनके मन में परमेश्वर का डर समा गया। 2 इतिहास 20:29
- तौभी ऊंचे स्थान ढाए न गए, वरन अब तक प्रजा के लोगों ने अपना मन अपने पितरों के परमेश्वर की ओर न लगाया था।2 इतिहास 20:33
2 इतिहास 22:9, 24:4, 25:2, 26:16, 29:10, 34,
- तब उसने अहज्याह को ढूंढ़ा। वह शोमरोन में छिपा था, सो लोगों ने उसको पकड़ लिया और येहू के पास पहुंचा कर उसको मार डाला। तब यह कह कर उसको मिट्टी दी, कि यह यहोशपात का पोता है, जो अपने पूरे मन से यहोवा की खोज करता था। और अहज्याह के घराने में राज्य करने के योग्य कोई न रहा। 2 इतिहास 22:9
- इसके बाद योआश के मन में यहोवा के भवन की मरम्मत करने की मनसा उपजी। 2 इतिहास 24:4
- उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, परन्तु खरे मन से न किया। 2 इतिहास 25:2
- परन्तु जब वह सामथीं हो गया, तब उसका मन फूल उठा; और उसने बिगड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वासघात किया, अर्थात वह धूप की वेदी पर धूप जलाने को यहोवा के मन्दिर में घुस गया। 2 इतिहास 26:16
- अब मेरे मन ने यह निर्णय किया है कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से वाचा बान्धूं, इसलिये कि उसका भड़का हुआ क्रोध हम पर से दूर हो जाए। 2 इतिहास 29:10
- परन्तु याजक ऐसे थोड़े थे, कि वे सब होमबलि पशुओं की खालें न उतार सके, तब उनके भाई लेवीय उस समय तक उनकी सहायता करते रहे जब तक वह काम निपट न गया, और याजकों ने अपने को पवित्र न किया; क्योंकि लेवीय अपने को पवित्र करने के लिये पवित्र याजकों से अधिक सीधे मन के थे। 2 इतिहास 29:34
2 इतिहास 30:12, 19, 31:4, 21, 32:7, 25, 26, 31,
- और यहूदा में भी परमेश्वर की ऐसी शक्ति हुई, कि वे एक मन हो कर, जो आज्ञा राजा और हाकिमों ने यहोवा के वचन के अनुसार दी थी, उसे मानने को तैयार हुए। 2 इतिहास 30:12
- जो परमेश्वर की अर्थात अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की खोज में मन लगाए हुए हैं, चाहे वे पवित्र स्थान की विधि के अनुसार शुद्ध न भी हों। 2 इतिहास 30:19
- और उसने यरूशलेम में रहने वालों को याजकों और लेवियों को उनका भाग देने की आज्ञा दी, ताकि वे यहोवा की व्यवस्था के काम मन लगा कर कर सकें। 2 इतिहास 31:4
- और जो जो काम उसने परमेश्वर के भवन की उपासना और व्यवस्था और आज्ञा के विषय अपने परमेश्वर की खोज में किया, वह उसने अपना सारा मन लगाकर किया और उस में कृतार्थ भी हुआ। 2 इतिहास 31:21
- कि हियाव बान्धो और दृढ हो तुम न तो अश्शूर के राजा से डरो और न उसके संग की सारी भीड़ से, और न तुम्हारा मन कच्चा हो; क्योंकि जो हमारे साथ है, वह उसके संगियों से बड़ा है। 2 इतिहास 32:7
- परन्तु हिजकिय्याह ने उस उपकार का बदला न दिया, क्योंकि उसका मन फूल उठा था। इस कारण उसका कोप उस पर और यहूदा और यरूशलेम पर भड़का। 2 इतिहास 32:25
- तब हिजकिय्याह यरूशलेम के निवासियों समेत अपने मन के फूलने के कारण दीन हो गया, इसलिये यहोवा का क्रोध उन पर हिजकिय्याह के दिनों में न भड़का। 2 इतिहास 32:26
- तौभी जब बाबेल के हाकिमों ने उसके पास उसके देश में किए हुए चमत्कार के विषय पूछने को दूत भेजे तब परमेश्वर ने उसको इसलिये छोड़ दिया, कि उसको परख कर उसके मन का सारा भेद जान ले। 2 इतिहास 32:31
2 इतिहास 34:31, 36:13, 22,
- तब राजा ने अपने स्थान पर खड़ा हो कर, यहोवा से इस आशय की वाचा बान्धी कि मैं यहोवा के पीछे पीछे चलूंगा, और अपने पूर्ण मन और पूर्ण जीव से उसकी आज्ञाएं, चितौनियों और विधियों का पालन करूंगा, और इन वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं, पूरी करूंगा। 2 इतिहास 34:31
- फिर नबूकदनेस्सर जिसने उसे परमेश्वर की शपथ खिलाई थी, उस से उस ने बलवा किया, और उस ने हठ किया और अपना मन कठोर किया, कि वह इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर न फिरे। 2 इतिहास 36:13
- फारस के राजा कूस्रू के पहिले वर्ष में यहोवा ने उसके मन को उभारा कि जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था, वह पूरा हो। इसलिये उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया, और इस आशय की चिट्ठियां लिखवाईं, 2 इतिहास 36:22
एज्रा 1:1, 5, 3:1, 6:20, 22, 7:10, 27,
- फारस के राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था वह पूरा हो जाए, इसलिये उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया और लिखवा भी दिया: एज्रा 1:1
- तब यहूदा और बिन्यामीन के जितने पितरों के घरानों के मुख्य पुरूषों और याजकों और लेवियों का मन परमेश्वर ने उभारा था कि जा कर यरूशलेम में यहोवा के भवन को बनाएं, वे सब उठ खड़े हुए; एज्रा 1:5
- जब सातवां महीना आया, और इस्राएली अपने अपने नगर में बस गए, तो लोग यरूशलेम में एक मन हो कर इकट्ठे हुए। एज्रा 3:1
- क्योंकि याजकों और लेवियों ने एक मन हो कर, अपने अपने को शुद्ध किया था; इसलिये वे सब के सब शुद्ध थे। और उन्होंने बन्धुआई से आए हुए सब लोगों और अपने भाई याजकों के लिये और अपने अपने लिये फसह के पशु बलि किए। एज्रा 6:20
- और अखमीरी रोटी का पर्व सात दिन तक आनन्द के साथ मनाते रहे; क्योंकि यहोवा ने उन्हें आनन्दित किया था, और अश्शूर के राजा का मन उनकी ओर ऐसा फेर दिया कि वह परमेश्वर अर्थात इस्राएल के परमेश्वर के भवन के काम में उनकी सहायता करे। एज्रा 6:22
- क्योंकि एज्रा ने यहोवा की व्यवस्था का अर्थ बूझ लेने, और उसके अनुसार चलने, और इस्राएल में विधि और नियम सिखाने के लिये अपना मन लगाया था। एज्रा 7:10
- धन्य है हमारे पितरों का परमेश्वर यहोवा, जिसने ऐसी मनसा राजा के मन में उत्पन्न की है, कि यहोवा के यरूशलेम के भवन को संवारे, एज्रा 7:27
नहेमायाह 2:2, 12, 3:20, 4:6, 8, 5:7, 6:8,
- तब राजा ने मुझ से पूछा, तू तो रोगी नहीं है, फिर तेरा मुंह क्यों उतरा है? यह तो मन ही की उदासी होगी। नहेमायाह 2:2
- तब मैं थोड़े पुरुषों को ले कर रात को उठा; मैं ने किसी को नहीं बताया कि मेरे परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिये मेरे मन में क्या उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को छोड़ कोई पशु मेरे संग न था। नहेमायाह 2:12
- फिर एक और भाग की अर्थात उसी मोड़ से ले एल्याशीब महायाजक के घर के द्वार तक की मरम्मत जब्बै के पुत्र बारूक ने तन मन से की। नहेमायाह 3:20
- और हम लोगों ने शहरपनाह को बनाया; और सारी शहरपनाह आधी ऊंचाई तक जुड़ गई। क्योंकि लोगों का मन उस काम में नित लगा रहा। नहेमायाह 4:6
- और सभों ने एक मन से गोष्ठी की, कि जा कर यरूशलेम से लड़ें, और उस में गड़बड़ी डालें। नहेमायाह 4:8
- तब अपने मन में सोच विचार कर के मैं ने रईसों और हाकिमों को घुड़क कर कहा, तुम अपने अपने भाई से ब्याज लेते हो। तब मैं ने उनके विरुद्ध एक बड़ी सभा की। नहेमायाह 5:7
- तब मैं ने उसके पास कहला भेजा कि जैसा तू कहता है, वैसा तो कुछ भी नहीं हुआ, तू ये बातें अपने मन से गढ़ता है। नहेमायाह 6:8
नहेमायाह 7:5, 8:1, 9:8
- तब मेरे परमेश्वर ने मेरे मन में यह उपजाया कि रईसों, हाकिमों और प्रजा के लोगों को इसलिये इकट्ठे करूं, कि वे अपनी अपनी वंशावली के अनुसार गिने जाएं। और मुझे पहिले पहिल यरूशलेम को आए हुओं का वंशावलीपत्र मिला, और उस में मैं ने यों लिख हुआ पाया: नहेमायाह 7:5
- जब सातवां महीना निकट आया, उस समय सब इस्राएली अपने अपने नगर में थे। तब उन सब लोगों ने एक मन हो कर, जलफाटक के साम्हने के चौक में इकट्ठे हो कर, एज्रा शास्त्री से कहा, कि मूसा की जो व्यवस्था यहोवा ने इस्राएल को दी थी, उसकी पुस्तक ले आ। नहेमायाह 8:1
- और उसके मन को अपने साथ सच्चा पाकर, उस से वाचा बान्धी, कि मैं तेरे वंश को कनानियों, हित्तियों, एमोरियों, परिज्जियों, यबूसियों, और गिर्गाशियों का देश दूंगा; और तू ने अपना वह वचन पूरा भी किया, क्योंकि तू धमीं है। नहेमायाह 9:8
एस्तेर 1:10, 4:13, 5:9, 8:17, 9:2-3,
- सातवें दिन, जब राजा का मन दाखमधु में मग्न था, तब उसने महूमान, बिजता, हर्बोना, बिगता, अबगता, जेतेर और कर्कस नाम सातों खोजों को जो क्षयर्ष राजा के सम्मुख सेवा टहल किया करते थे, आाज्ञा दी,
- एस्तेर 1:10
- तब मोर्दकै ने एस्तेर के पास यह कहला भेजा, कि तू मन ही मन यह विचार न कर, कि मैं ही राजभवन में रहने के कारण और सब यहूदियों में से बची रहूंगी। एस्तेर 4:13
- उस दिन हामान आनन्दित ओर मन में प्रसन्न हो कर बाहर गया। परन्तु जब उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक में देखा, कि वह उसके साम्हने न तो खड़ा हुआ, और न हटा, तब वह मोर्दकै के विरुद्ध क्रोध से भर गया। एस्तेर 5:9
- और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहां कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुंचे, वहां वहां यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्होंने जेवनार कर के उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था। एस्तेर 8:17
- यहूदी लोग राजा क्षयर्ष के सब प्रान्तों में अपने अपने नगर में इकट्ठे हुए, कि जो उनकी हानि करने का यत्न करे, उन पर हाथ चलाए। और कोई उनका साम्हना न कर सका, क्योंकि उनका भय देश देश के सब लोगों के मन में समा गया था। एस्तेर 9:2
- वरन प्रान्तों के सब हाकिमों और अधिपतियों और प्रधानों और राजा के कर्मचारियों ने यहूदियों की सहायता की, क्योंकि उनके मन में मोर्दकै का भय समा गया था। एस्तेर 9:3